सच्चा ओ इमान्दार होके सदा आघे बर्हिस छावा

निर्मल चौधरी
२५ जेष्ठ २०७८, मंगलवार
सच्चा ओ इमान्दार होके सदा आघे बर्हिस छावा

मुक्तक १
डेहरिक् धान जम्मा बिक्गैल मजासे पर्हिस छावा ।
सच्चा ओ इमान्दार होके सदा आघे बर्हिस छावा ।
बरे भारी जिम्मेवारी उठाइक पर्ना बा टुहिन छावा,
जिन्गीक् पहार कबु नै हड्बडाके चर्हिस छावा ।

मुक्तक २
मजा मनै ओराजेठैं घिन्हा मनैनके काल नैआइठ काहे ?
घामे मुमुके काम कर्बो एक्को बयाल नैआइठ काहे ?
घरमे असोर्हुवम् बैठल छावक् आस हेर्टी कहठ डाइ,
कैसिन अवस्थम बा छावा प्रदेशसे हाल नैआइठ काहे ?
निर्मल चौधरी
जानकी–५ अमौरी, कैलाली

सच्चा ओ इमान्दार होके सदा आघे बर्हिस छावा

निर्मल चौधरी