कर्या दिनहे पांजरमे सार्के प्रदेश आइल बटुँ

नरेश चौधरी
३० जेष्ठ २०७८, आईतवार
कर्या दिनहे पांजरमे सार्के प्रदेश आइल बटुँ

गजल
कर्या दिनहे पांजरमे सार्के प्रदेश आइल बटुँ ।
डाइबाबाहे पिर महन पार्के प्रदेश आइल बटुँँ ।

परिस्थितिहे याद कैके मजदुुर शरिर बोक्के,
जिउके चाहाना ढार्के प्रदेश आइल बटँु ।

मिलठ् दुख बहुत घनिघनि आनेक देशमे,
झण्डा स्वदेशमे गार्के प्रदेश आइल बटुँ ।

काम बहुत खोज्नु मिल्बोे नैकरल हजुर,
आर्थिक स्थितिसे हांर्के प्रदेश आइल बटुँ ।

हमरहिन युवन काम नैमिलठ स्वदेशमे,
मनके रहर सब मार्के प्रदेश आइल बटुँ ।
नरेश चौधरी
बारबर्दीया–८ मगरागाडी बर्दिया

कर्या दिनहे पांजरमे सार्के प्रदेश आइल बटुँ

नरेश चौधरी