सबसे भारी अल्छी

सागर कुस्मी
३ असार २०७८, बिहीबार
सबसे भारी अल्छी


एक दिन रजुवा के कत्रा भारी अल्छी बा कहिके मझा लेहल । पुरा देस भरिक् अल्छिनहे अपन दरबारमे बलाइल । जत्रा अल्छि रहिंट सबजे रजुवक् दरबारमे हाजिर हुइलैं । कोइ बरा झट्झुठ्रार, ओइ बरा बरेबरे भुट्लाहा पुरे चिल्लर किल । कोइ टे दस बर्सक् पुरान लहाइल । कोइ टे पुरा डार्ही मोछ लट्याइल । डेख्लेसे फे पुरा घिन लग्टिक । हेर्नासफें नैलग्ना । छुना टे दुरिक् बात बा ।

रजुवा सक्कुहुन बैठाके कहल । लेउ अल्छीयो जे सबसे हलि उठि उ इनाम पाइ । सक्कु जाने सटरपटर झरफाराके उठ्गैनै । एकठो अल्छी जुन अइसिन रहे कि उ उठ्बे उठ्बे नैकरल । उ बैठ्ले रहिगैल । रजुवा पुछल टैं काहे नैउठ्ले ? उ अल्छी कहल–महिन उठ्नासफें जाँगर नैलागल ।
टब रजुवा कहल–स्याबास भैया संसार भरिक् अल्छीन मन्से सबसे भारी अल्छि टहिं हुइस् । टब जाके ओहे अल्छी इनाम पाइल । धन्यवाद ।
सागर कुस्मी

सबसे भारी अल्छी

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