ओहकान प्यार

सन्जीप चौधरी
३ असार २०७८, बिहीबार
ओहकान प्यार

ओहकान प्यार
प्यारी बहुट ढेर डिनके टुहिन चिठ्ठी लिख्ना प्रयास कर्ले बटुँ । प्यारी मोर आँट नैंरहे टुहिन चिठ्ठी लिख्ना । काकरुँ ? टुहिन फेन पटा बा प्यारी काकरे कि टँु औरेक डेहेल चुरिया घल्ना, औरेक डेहेल लाल चुनरी ओहर्ना प्रमानिट होगिलो । प्यारी टँु मजासे जन्ठो यि हमार सामन्टि ओ बर्गीय समाजहेहे । यडि सामन्टि अर्थतन्त्रक कारणसे टुँ एकाएक मन परिवर्तन कैलेलो । आझ टुँ अपन घरडुवारमे अपन जीवन सँघरियक् संग रमैटो टे सुखीफे हुइबो हाल खबर सब ठिकठाक हुइ । ओत्रा डिन सम्झनामे खोब आँस बहाउ । आब ना रुइहो मोर याडमे । प्यारी मैफें टोहाँर ओ मोर पुरान सम्बन्धके दृश्य सम्झाटि धनगरहीके एकठो कोनुवँम् घुर्मुराइल् बटँु । मने प्यारी महिन पक्का फेन बिसराइ नैंसेक्ले हुइबो ।

मोर आसा ओ बिश्वासफें बा । मै टे टुहिन पक्काफे बिसराइ नैँसेकम । प्यारी टुहिन पटा बा गैल बरस थारुनके टिहुवार गुरहिमे खिचाइल फोटो अभिन मोर ठन बा कत्रा सुग्घर फोटु बा । सुटेबेर टोहाँर याड आइल बेला जरुर टोहाँर फोटु अभिन सम हेर्ठुं । फोटु हेरके चित्त बुझैठुँ । टुहिन पटा बा प्यारी टोहाँर प्यारसे डेहेल चुम्माके याड आइट् । टोहाँर फोटु हेरके फोटुमे चुम्मा लेके अपन चित्त बुझैठँु । खै कोन कोन्वाँ मनसे सोह्र बरसक् जोबन चह्रल गुलगुल्वा बैसके परी आपुगल रहे । टुँ परी १६÷१७ बरसक् उमेरमे रहल डेखा परठो । टिकाके टे कहे नैंसेकजाइ पाठकबृन्द उ बठिनियाँ गोह्रर गोह्रर बटि टौन फेन हँुकार वर्णन करेबेर । ठुलठुल गोरक अँग्री उज्जर उज्जर सुरवालके उप्रेसे ठुल हुइ कहिके अनुमान करे सेक्ना आंग ओ कब्लीहस बरबर चाप्पर पुठ्ठा । गुल्यार गुल्यार चारफिट लम्मा जिउ गोरासहित साह्रे पाँच फिट ढेंग बटि । असटक् हँुकार टाइट कुर्टक उप्रेसे डेखपर्ना भक्खरिक उठल कछल्यार कछल्यार पहार, नम्मा घोचा । गित गैना हसक् डेख परठीन् । हुँकार गुल्यार गुल्यार मुह ओ गाल खोब गोह्रर चापर माठ् । हिमालके हिउँसे उज्जर डाँट, करिया भाउँ, खैयर खैयर आँखि, पुठ्ठा नाघल भुट्ला । डेखके मै हुँकार पर आकर्षित होगिनु । उ परीसे कुछ कम नैं खै कैसिन मै अपन संग पठरिम भेटाउँ ।

हाँ प्यारी टुहिन स्मरण कराउँ क्याम्पस, बजार कोठा हर ठाउँमे यहाँ सम कि पह्रेलिखे बेर फोटु बन्के टासँ गैल रहे । मै टोहाँर टिरर्छी नजरके टिर सहे नैसेकके हिम्मट कसके अपन मनके बाट लिख्खके खामके भित्तर सम पुगाडर्नु । टुँ फेन मोर मैंयाँ प्रेमके हर बाटमे सहभागि जनैलो । टबसे महिन यि संसार जिटल हस लागल् । यि डिनसे बसन्त ऋतुक आगमन संग गोझुम पैंसा नैंरटि किल पर्हाइ खर्च बह्रलक् बाहाना लगाके घरे खबर पठैना । भगवान जसिन डाइ, बाबाहे ठागके रुपिया मग्नु । फिलिम हेरक लाग टोहाँर संग पह्राइके कलास छोरनु । किताब कापीके खर्च बहर्लक खबर पठाउँ । यहोर टुँ सुन्डरीक सिंगार पटार मोजमस्टीमे उराउ । टँु मोर जिवनके पहिल प्यार मोर मनके मन्डिरमे रहुइया मोर मैयाँके बारीमे फुलुइया फुला हुइटो ।

क्याम्पसमे एक्के बेन्चम् संगे बैठ्लि । ढिरेढिरे बाट करली । भाट टिना रिझाके खैलि । भाँरा ढुइ हरचिज संगे करली । डिनडिने यि जवानीके रंग चह्रटि गैल । महिनसे कौनो चिजके इन्कार नैंकरलो । महिन याड बा समय समयमे कानम् घल्ना कनबालि, टप झोटिम् पर्ना लेबन्टु, काँटा, क्रिम पाउडर, लिबिस्टिक आइब्रो सब चिज डेलक लगायत टुहिनसे भेट करक लाग टोहाँर घरके आसपास आधा रात नुकनुक्के अस्रा लागके भेट करके बाट बट्वइलक् याड खोब आइठ् । खैं टुहिन याड आइठ किनै मोरमे एक चुटी कुल मैंयाँ हुइ कलेसे अपन ठरुवासे नुक्के चिठ्ठी लिखना कोसिस करहो ।

हाँ टे पाठकवृन्द याड फेन कैसिक नैआइ । प्यारीक् याड अइना स्वाभाविक बा । टुहिन बाहेक किहु नैलेम कहुइया मोर मनरख्नी औरे जनहन मनके डोली, अपने चलडेली, प्यारी टुँ मै हम्रे डुनुजे मैयाँ प्रेमके फुला संगे लोह्रली टब्बु फेन अब्बा यी हालत बा टौनफे कैसिक कहिडिउँ हमार सुन्दर जोरी एक अमर रहे । यि मुनुष्यके जलममे हम्रे डुनुजे बहुत प्रेम करब, सुख शान्ति ओ हाँस हाँसके यि जिन्गि बिटाब । ओहो कट्ना सुग्घर मानवके चोला अपने बहुत समाज रहिही । नाटा डोस्टी रहहि ओ अपन सुरक्षा फेन रहि । प्यार भरल शब्दसे महिन सम्झाउ । ओ कुछ कहो फेन ओ अपन नारी जिड्डीपन प्रत्यक्ष डेखाउ ।

प्यारी टोहाँर डिलके बोली मोर मनहे फेन छुडारे । अपन प्यार भरल शब्दके गुन्जाससे मै प्यारी टुहिन मन्टी अपन मनमे लैके अपन सहमटि जनाउँ । मने आझ प्यारी जलमके जोबनहे एकठो अजिबके पलहस लागल् । आझटक कैल मैयाँ प्रेमके उ अविस्मरणीय क्षण पली बा । महिन पटा नैहो । बस अट्नै मोर भौटिक शरिरके आँखीम् आसँके सागरमे ओजरिया रातके केरनी परलहस टलपल टलपल करट डेखट् । आझफे प्यारी टोहाँर याड टोहाँरे सम्झनामे राट बहुट छिपगिल् । जोरि बिडाडेके रुपमे बाध्या बनगिल बा ।

आझ जोरल नाट कसम सारा सुख दुःख बराबरके जिना कसम आझ टुटगिल बा । आझ मै कनपट पकरले अपनहि रोइनास लागट् । अपन सोक बिलाप अपन आँसके बुँडासे बुझैना प्रयास करठुँ । प्यारी सबके सुख दुःखमे साठ डेहुइया भगवानसे माफीके विन्टी चहठुँ । प्यारी यडि मोर मैयाँ टोहाँर डिलके कोन्वँम् एक चुटि हुइटे उहिनहे उ मोर नाउँहे महिन सम्झके माफ करडेहो । खुसी मोर प्यारी सारा दुःख मोर भाषामे कैडिंट, सारा दुःख मै खेपम । मने प्यारीक मन डुखैना नाडेहो जेफे हुइ टे मोर प्यारीक जोरिया हुकार मनके संघरीया बनके साथ डेहो । भगवान टुँ फे मोर डस अंग्रीक विन्टि स्वीकार करडेहो । यहे आस लेटी अझकल बँचल बटुँ । प्यारी डुनुजाने एक्के संग बैठल् । उ मिठ प्यारीके बल्हा झुलना उ याड महिन सम्झना बा । प्यारी अपने अपन मनमे मै गल्गैल बटँु । साइट इ कट्रा भारी पिडा बा । सिरिफ महिन पटा बा । कठंैं जे प्यारी छुटीमुटी दुःखसे डजलेसे फेन डर्डिला रहठ । प्यारी आझ टोहाँर याडमे अपन संसार हेर्वा डारल हस लागठ् । टे मै कसिक अपन जियरा बुझाउँ । कबीजबी गरियइनास लागट् । प्यारी असिन काम टुँ काहे करलो । प्यारी आझफें यि दुइ चार शब्द लिख्टी आइठ घरिम् घनीघनी आँस चुहे टे आँसके लडिया बहाके अपन छाटीम मुक्का मर्टी अपनेहि अक्केली भवकाइल्हस अपन मनक टोहाँर मोर प्रेम सम्झटी लिखटुँ । प्यारी अभिनफे हरपल् टोहाँरे संग घुमल मैंयाँ प्यारके बल्हा झुलल् ठाउँ । मन काँहा काँहा प्यारी टुहिन डुखेहस लागठ् । कबि जबि टुहिनसे बट्वइनास लागठ ।

कहाँसे फेन होस आइठ । होसमे आके फेन अक्केली भेटाके आँखि रसाइ लागठ् । एकचो टँु हमार मैंयाँ प्रेमके दृश्य सम्झो करिब ५÷६ बरसके चिनिसे गुरी, हिमालसे ढेंग, समुन्द्रसे गहिर प्रेम आझ सामन्टी अर्थतन्त्रके कारण टोहाँर आउर मोर सम्बन्ध टुटल् । मने प्यारी प्यारके क्षेत्र यि समाजमे गुजरा कैके खैंना बा । मनै फे कठैं जेकर मनमे जे रहट मनमे ओहे बहट । उ जट्रा डुर रलेसेफे मनमे रठैं । जे जेकर मनमे नैरहठ उलग्गे रलेसेफे डुर लागठ । प्यारी हम्रहिन हमार आत्मा निर्णयक अधिकार फेन एकडम जरुरी रहठ । मोर आर्थिक अवस्थाफे कमजोर बा । टँु टे अपन डाइ बाबाके अक्केठो छाइ परलो । मन चाहल करेसेक्ठो । प्यारी सामन्टी अर्थतन्त्र हमार बिछोरके कारण बनल् । जेकर कारण हमार बिछोर हुइल् कारण टोहाँर डाइ बाबाहे नैंकहठुइटुँ हइ यि बिसहा समाजहे डेहठँु । मोर प्यारी जबकि नैहुइना यसुर फुसुरके चुब्लीक बात बट्वाके हमार सम्बन्धमे डरार नानल् । यि डोस हमार देशके सामन्टी अर्थतन्त्रहे डेठुँ । यि हमार पुरान सम्बन्ध समझके बन्नाके रुइठँु । हाँ टे प्यारी कि सड्डे, हक डे, जैटि किल भेलेन टाइन डे आइल् । कैसिक मनैलो मै टे लावा नेपालकमे पुरान सम्झनक् संग प्रेम पत्र लिखनु । फेनसे हाँठ जोरके बिन्टी करटुँ । सन्जीपके पर मैंयाँ बा टे अपन भगवान जैसिन ठरुवासे नुक्के लावा नेपालमे लावा सम्झना सहितके मोर नाउँमे पत्र लिख्ना कोसिस जरुर करहो । कहटी अपन कलम बन्ड करटँु ।
सन्जीप चौधरी
कैलारी–६ बेंडौली, कैलाली

ओहकान प्यार

सन्जीप चौधरी