चलन अनुसार सांस्कृतिक पहिचान खै

साफी चौधरी
७ असार २०७८, सोमबार
चलन अनुसार सांस्कृतिक पहिचान खै

डेसमे संघियता सहितके संविधान खै ।
चलन अनुसार सांस्कृतिक पहिचान खै ।

गाउँमे हेरि मरुवा ठनुवाँ उजार होगैल,
वहाँक् अझ्कल पुरान सहिडान खै ।

वीर सपूत डेसके लाग ज्यान डेके गैलैं,
मने यहाँ सहिडनके डेहल बलिडान खै ।

नारी फेन समाजमे भारी काम करेसेक्ठैं,
लेकिन नारिनके समाजमे सम्मान खै ।

महिला पुरुष एक रथके पहिया कठैं,
यहाँ नारिनके लाग लावा बिहान खै ।

साफी चौधरी

चलन अनुसार सांस्कृतिक पहिचान खै

साफी चौधरी