हम्रे किसान

अनिल थारु
७ असार २०७८, सोमबार
हम्रे किसान

हम्रे किसान

चिल्लाइट बड्री गुरगुराइट जोरसे
छल्कट पानी खेट्वासे लेके
कुल्वक् भुंर पटंगा सम,
भरल जाँगर
अढ्या खेट्वा
बढ्या गुंइ डाँगर,
मेघी चिंगैरा गिडैठ
बरखैह्या सजना,
मै हिलक हिट्वा, माटिक मेड्वा,
जिम्डरवक जग्गम मै हरक हल्डर्वा,
भिन्सहरी उठके
ढरटीम ओज्रार अंरैनासे आघ,
झिस्मिस्या अन्ढारम
डुखक घामपानी छेक्ना
करंग टुटल छट्री,
होनहार बर्साडी,
पांडनके हरिस जिन्नक जुवा
ओ पररीक बल्गर लठ्ठी,

खेटीपाटीक हठ्यार लैके
भुख प्यास गोझ्यम ढैके,
चर्चर चर्चर घामम् झरझर होके
टकटक बाउँबाँऊ हर्बर हर्बर,
लुर, गेजार फकैंटी
कोन्वाँ, काछी कोरटी
डुखक डुमना फोरटी
हाँठम् फरह्वा नचैटी
हिलक बुट बजैटी
रंगीन सप्ना सजैटी,
हाँठमसे एक चोक्टा अन्ढार
नै निप्चट सम,
खेद्वा, दिह्वम मसिनसे जिटके
हाँठ गोरा लगाटार फकाके,
मेहनतके डोन्ड्रमसे अनाजपानी झिंकक लाग,
पौरखके पख्राले
रगट, पस्ना माटीम घस्मोरके,
खेतीपाटीक हठ्यारसे
भविस्यके राजमार्ग कोरटी
अनाजके राजढानीसम पुगक लाग
ढरटीक पेटमसे
खुशी फराइक लाग,
खुशीक बोझा बाँन्ढके
गम्हिर भर्वा पारक लाग,
नंगटे गोरम माटीक जुट्टा
आंग भर फुट्फुट्यार पस्नक बुट्टा,
आँखी भर रहरके रंगीन
फुन्नाडार मुठ्ठा,
हाँठ गोरा सराके
घामसे जिउ जराके
चाक्किल मन कराके,

परिश्रमके छाप बैठाके,
हाँठ भर ठ्यालक मेला लगाके,
फरट सोन, झुलट खजाना
मेर्वक डंर्या डंर्या
हाँसट सृस्टी नाचट मन
अँराइट खुशी मेरुवा मेरुवा,
छल्कट हुर्डुरेहेंट चुहट
आनन्डक आँस,
मनक ढक्लीम बुडुरबुडुर,
कुरह्यइठुँ खेन्हवँम्
खुशीक खुराक,
भिटामिन जस्ट टागट बनके,
सोनक बाला फरैना
जिम्डर्वक डेहरी भरैना,
किसान हुँइटु मै !

कृषकके शिर्षकम
बजारम समाचार आइठ,
अनुडान नाँउके अँचार
आइल कैके,
टर चिखेफे नैमिलट सरकार
सरकार ना ट ट्याम म मल डेठो,
ना ट ढानक म्वाल डेठो,
किसान के निशान,
आशा ओ भासा
के बुझ्डेहटा ?
हम्र ट निब्बर
डुब्वर ओ भुईंह्यार मनै,
उठ निसेक्ना मेर घुस्मुरल बाटी
के हाँठ डि हम्हन ?
के साठ डि हम्हन ?
बजारकेफे सरकारके फेन
पिसान म पर्ना,
हम्र किसान हम्र किसान ।।
अनिल थारु
ठाकुरबाबा नगरपालिका ७ बर्दिया

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अनिल थारु