रिसराग नाढारो संघारी जिन्गी रहट्सम्

दिपक चौधरी ‘असिम’
८ असार २०७८, मंगलवार
रिसराग नाढारो संघारी जिन्गी रहट्सम्

गजल
रिसराग नाढारो संघारी जिन्गी रहट्सम् ।
हिम्मत नाहारो संघारी जिन्गी रहट्सम् ।

जिन्गी मौट संगे चलटा मुना सब जहन बा,
सम्बन्ढ नाबिगारो संघारी जिन्गी रहट्सम् ।

का महल का झोंपरी घाम पानीसे बचैना हो,
घर केक्रो नाउजारो संघारी जिन्गी रहट्सम् ।

का सपाङ्ग का अपाङ्ग जिउ सब्के एक्के हो,
दिल केक्रो नाफारो संघारी जिन्गी रहट्सम् ।

का मनै का जानबर सब कोइ अपन लाग जिठैं,
जीवन केक्रो नामारो संघारी जिन्गी रहट्सम् ।
दिपक चौधरी ‘असिम’
कैलारी गाउँपालिका–२ बसौटी कैलाली

रिसराग नाढारो संघारी जिन्गी रहट्सम्

दिपक चौधरी ‘असिम’