गजल
गोबर फेंकाइ आइट् कि नाइ ?
चुल्हा पराइ आइट् कि नाइ ?
पक्की नै माटीक् घर बा मोर,
टुटल बनाइ आइट् कि नाइ ?
मैयाँ कैके किल नैहुइट् जिया,
छेगरी चर्हाइ आइट् कि नाइ ?
जानेपरठ मिलम् धान मकै कुटे,
ढेंकी कुटाइ आइट कि नाइ ?
मःमः पिजा खाके बरहल टँु,
सिन्की बनाइ आइट कि नाइ ?
रेनुका चौधरी
कैलारी–७ रतनपुर कैलाली