माघ, भरभड्डा ओ मै

प्रेम चौधरी
१४ असार २०७८, सोमबार
माघ, भरभड्डा ओ मै

माघ, भरभड्डा ओ मै

अब्बे विश्व कोरोना कहरसे गिलगिल ओ पिलपिल हुइल बा । अइसिन महामारी हालतमे माघ होए या औरे टर–टिहुवार मजासे मनाइ नैसेक्जाइठ । टब फेन इ बरसके औरे टिहुवार अँट्वारी, अस्टिम्की, डसियासम टे अस्टे हुइल । डेवारीसे माघ मजैसे मनैली । ढेर दिन हुइगिल कोरानाके, टबे सायद ढिठा गिल बटैं मनै । इ लेखमे मै इ बरसके माघक खुर्बुसनि सम्झना सिमोटले बटुँ ।

हमार अफिस पहुरा थारु दैनिकमे फेन माघ मनाइक लाग तयारी हुइ लागल रहे पुस अट्ठाइसे गतेसे । हमार व्यवस्थापक दुर्जन जी माघ मनैना सक्कहुनहे तलब बाँट्डरलैं रहैं ओहे दिन । साँझके अफिसके सब सदस्य मिलके माघेक चुक्कीफे खाडरली ।

माघ आघेक् दिन
माघ आघेक् दिन अर्थात् पुसके ओरौनी दिन घरे जाके सुरिक सिकार खैना रहे । मने अफिससे छुट्टि नैपाके हम्रे दादा भैया धनगढी पली रहि । बिहन्नी जिटा मारके पकुवा खैना जुनसम मै अफिसमे पलिरहुँ । भैयक् फेन आधा दिनसम ड्युटि करे परना । ओहोर छुट्की भैया माघेक् अवसरमे मोटरसाइकल खरिडब कहिके हम्रिहिन अत्तरिया बजारके सोरुम बलाइल । यहाँ हम्रे अपन अपन अफिसमे काम ओर्वाके कलुवा खैना जुन अलग्गेसे सिकार नान्के माघ मनालेली ।

जब धनगढीसे अत्तरिया जैना हुइल, टब बस भरके मनै ठुँसल । लग्गे नैबैठैना डुर भर लैजाब हुन । दुई बस चिटैली नैबैठे मिलल् । टिसर बसमे गैली टे सँगे रहल डोसर भैया गल्तीसे पहलमानपुर जाब कैह्मरलैं, बसवाला झट्से बैठालेहल । हिन्दी सलिमा ‘जग्गा जासुस’ मे अनुराग वासु ‘गल्तीसे मिस्टेक‘’ कहेहस कबुकाल गल्तीले फेन काम बनठ काहुन । हुइना टे जबसम गल्टी नैकरबो टबसम नैसिख्बो फेन कठैं ।

ओहोर मोटरसाइकल लेहे अत्तरिया पुगल दुई भाइ ओ हम्रे यहाँ धनगढीसे दुई भाइ ओहैं सोरुममे भेट हुइली । यहाँसे घरे पुगटसम साँझ होगिल । मोटरसाइकलके पाछे लागट लागट मघहा जिटाके पटे नै । ओरौनीमे साँझके एकठो ब्रोइलर मुर्गामे भहरा गिली । यिहिहे खुसियाली कही चाहे माघेक् जिटा । पहिलक्े हस रहट कलेसे रातभर ढमार गैटी । हम्रे आझ युट्युबमे गायिका समीक्षा चौधरीके ‘साटो जुनी साथ नि छोरम‘’ ढमार सुनके चित्त बुझैठी ।

माघ लहान
माघ १ गते माघ लहानमे सबकोइ बिहाने लहाखोरके गंगा लहाके चाउर, नोन, दाल, छुना ओ अपन पुर्खाहुकनहे ढोगसलाम लाग्के आर्शिवाद लेना दिन । आझिक दिन लहाके आगी टप्लेसे बरस भरिक पाप पुहठ हुन । ओहोर दाङ–देउखरके रिहार थारू समुदायके परम्परागत डेउठानके रूपमे बा । यहाँक टाटुल कुँर्हामे लहाए माघेक दिन भक्तजनके बहुत भिरभार रहठ । यहाँ लहैलेसे मनोकामना पूरा हुइना, निःसन्तान ओइने सन्तान पैना कना धार्मिक विश्वास बा । मने रिहार जैना सँपार बा कहाँ ?

हम्रे बिहन्नी लहाखोरके घरे डाइ, बडाइ, काका काकीनहे ढोगसलाम लागके नानीसे आशिर्वाद लेहे सिसैया जाइ कि ? बुडीसे सुर्वाड लेहे थेवै गाउँ जाइ कहिके सोचटी रही । टब्बे सिसैयासे नानी आइटी कना खबर आइल । मै सोंच्नु नानी आइ टे नानीसे आशिर्वाद लेके, थेवै बुडीक ठन जाब । मने, यहोंर ओहोंर करट करट बुडीसे सुर्वाद लेहे नैमिलल इ साल । काहेकि डुसर दिन ‘खिचरहवा’ रोज हमार गाउँमे भुरा खेल हुइना रहे । भैया जो दुई बरसके भल्मन्सा खेलाके आब औरे जहनहे पाली डेहटहिंट । ओहोर डाइ दिदीहे निसराउ डेना व्यवस्था मिलाइटेहे । छुवल चाउर, दाल, पैसा ओ ओम्हे कुछ ठपठाप करके निसराउ स्वरूप छाइनहे डेजाइठ ।

खोज्नी बोज्नी
एकओर भुरा खेल रहे कलेसे डोसरओर लावा बाइक सिखेक लाग आझुक दिन छुट्या गइल रहे । कलुवा जुन खोज्नी बोज्नीके लाग किसनुवन जुटे लागल रहिंट । सब किसनुवा जुटलबाड धनगढीस्थित ए प्लस इन्जिनियरिङमे लेखापाल रहल अब्बेक भल्मन्सा असौक भल्मन्सा के बन्ना कहिके बात उठैलैं । कुछ समयके छलफलसे बर्कान घरेक भौजी ईन्द्रादेवी चौधरी भल्मन्सा बन्ना जनैली ।

भौजी भल्मन्सा बन्ना जनैटी साइट सबकोइ उहाँहे सर्वसम्मतसे भल्मन्सा पारिट करली । उहाँ जो अपन गाउँक विकास निर्माण क्षेत्रमे हरडम अग्रपंक्तिमे रहिके काम करना प्रण कर्ले बटी । उहाँ गाउँ चलाइक लाग अपन कन्ढा बलगर बनाके गाउँक नेतृत्व सम्हाँरे सेकम कहिके भल्मन्सा बनल बटी । पुरान भल्मन्सा श्रवण चौधरी दुई बरसमे हुइल गतिविधिबारेम् जानकारी करैलैं । उहाँ गाउँमे काम करेबेर कुछ भुलचुक हुइ कलेसे दुई गुना माफ मग्टी लावा भल्मन्साहे जिम्मेवारी सौप्लैं ।

ओहोर भुरा खेल सँगसँगे मोरिक मोटरसाइकल चलैना तालिम फेन चल्टी रहे । कबुनै मोटरसाइकल चलाइल मनैं मै पहिलबार बजाज कम्पनीके १५० सिसि डबल डिस्कवाला पल्सर बाइक चलाइटहुँ । पाछे मोर भैया बैठके सिखाइ टहिंट, जो पुरान भल्मन्सा हुइँट । उहाँक् आधा घण्टाके सिखाइल्वाड मोटरसाइकल टे नेंगल मने अभिन गारिक क्लज, एक्सिलेटर, गेर, ब्रेकके टाल नैमिलल् ।

महिन लागे सायद मै गारी नैचलाइ सेकम, मने आझ मोर हाँठसे फे नेंगल मोटरसाइकल । नैपुहैना लडिया पुहाइठ कहेहस बाइक मोर हाँठसे डौर लागल । कौनो फेन चिज असम्भव नैरहठ कना आझ प्रमाणित हुइल रहे मोर जिन्गिमे फेन । मनैं डेस डुनियाँ घुमके टमान सिख्खा लेहेसेक्ठैं । मने, घरगाउँमे फेन हमार टमान बुजुर्कलोग बटैं जेहिसे हम्रे टमान सिख्खा लेहे सेक्ठी ।

यिहे कोरोना माहोलके लकबन्दीमे हम्रे सहर बजारसे घरे घुम्ली । लकबन्दीमे फेन परम्परागत टमान सिप सिख्ना अवसर बरवार रहे । जस्टे मै यिहे लकबन्दीमे लसरी भांगके पगहा बनाइ सिख्नु । रबरके गुर्टा खेलाइ नैजन्लेसे फेन ठुल्हुवा डोरक् फट्का बनाइ जन्नु । टमान दिदीबाबुन कोइ बेना, कोइ ढकिया, कोइ पैनटोप्नी बनाइ सिखल् । सुप्पा, छिटुवा, डिल्या, गेड्ली, छट्री, ढर्हिया, खोँघिया, टट्री, हेल्का, जाल लगायटके टमान मेरिक चिज गाउँघरमे फेन सिखे सेकजाइठ । यहोर फेन लावा पुस्टा ध्यान डेहेना जरुरी बा ।

ओरौनीमे,
थारु समाजके अगुवन् माघ मनाइक लाग तीन दिन छुट्टिक सवाल उठैलै बटैं । तीन दिन बिदाके माग कब सार्थक हुइ इ भर अभिन कहे नैसेक्जाइ । ओ, एहोंर हमार फेन माघ मनाके ओराइल । गाउँक् खोज्नीबोज्नी फेन उसरल ।

कोरोना प्रभावसे हुइ इ साल औरे बरसहस् मेला, महोत्सव नैलागल रहे । हुइना टे बुट्का बाबा ओ कोसम बाबामे मेला लगैना बटागिल रहे । उहाँ फेन नाउँ पारे भरिक किल डुकान रहल जानकारीमे आइल । हम्रे फेन अपन घरेक सरसल्लाह मिलैली । घरे रहल पुरान काम उसरली । ओ, धनगढी जाइक लाग खुडुरबुडुर सामान उठैली । काहे कि डोसर बिहानके काममे लग्ना रहे । बिहान पहलमानपुरसे बस पकरली ओ चल अइली धनगढी अपन अपन कामेम् ।

मोर लग इ बरसके माघके सबसे बरा उपलब्धी कलक मोटरसाइकल सिखाइ हुइल । आब धनगढी बजारेम फेन मोटरसाइकल चलाइ सेक्ना हिम्मत जुटाइ पर्ना बा । मने महिन भरभेड्डा डि के ? बस, इहे बात मनके टिपुन्नी टिपुन्नी सरसर सरसर बहटी बा ।
प्रेम चौधरी
पहलवानपुर, कैलाली

माघ, भरभड्डा ओ मै

प्रेम चौधरी