बाबाहे सम्झलक् दिन

वीर बहादुर राजबंसी
१४ असार २०७८, सोमबार
बाबाहे सम्झलक् दिन

बाबाहे सम्झलक् दिन
कंचनपुर जिल्ला कृष्णपुर नगरपालिका वडा नम्बर ६ बनजरिया निवासी घनपट गुरुवाके (अहिरा) बर्का छावा माधोगुन्नी राजवंशी ठाकुर थर रहल थारु मन्हला भर्याहान मन्हला स्वर्गीय सुर्जा डंगौराके विषयम खन्गर परिवार ओ कर्लक कर्म, अर्टी, कार्यभार दायित्वके बारेम् मनम लागल बात ठोर बहुत परिवारिक घाना छिट्काइ जाइटुँ । सम्ह्रौटीहे आघे बर्हाइटुँ ।

हमार स्वगीर्य आजा बिहारी जी अब्बा लुम्बिनी प्रदेश दाङ जिल्ला डेउखर मसे अपन बहिंगा परिवार लेक कैलाली गाउँपालिका उत्तर भर्री बसाइ सर्ल कना बात सुन मिलल् । ओह भर्री गाउँम हमार आजा बिहारी जी आइल कना बात सुनगैलक ओरसे कंचनपुर जिल्ला तत्कालीन रौतेलि विचवा सिंघपुर अब्बा शुक्लाफाँटा राष्ट्रिय निकुञ्ज बनल बा । ओह सिंघपुर कना ठाउँ मसे हमार बुडु हुँक्रे बर्का बुडु स्वर्गीय गरिबु जी ओ छुट्की बुडु स्वर्गीय जगतराम तत्कालीन कृण्णपुर गाबिस डुघरुवाम आक बैठल । आब डुघरुवाम चौमहलान घर बा । यिह ठाउँम हमार स्वर्गीय बुडु जगतराम ओ बर्कि बुडि स्वर्गीय साउनी के कोखमसे हमार स्वर्गीय बाबा सुर्जा जीके वि.स. २००२ सालम जनम हुइलिस । यि सालम जनम हुइलसेफेन नेपाली नागरिकताम २००९ सालक तिथि मिति उल्लेख बा । स्वर्गीय बाबक् जनम डुघरुवाम हइलसेफेन आखिरम कर्म ठाउँ यिह बन्जरिया गाउँ हुइलिस ।

काखर कि डुघरुवामसे हमार स्वर्गीय बुडु हुँकरे बन्जरियाम अइलैं । यिह गाउँम २०१० सालम धन प्यारी डंगौरासे परम्परागत डोला डोली सहितके भोज हुइलिन । हमार स्वर्गीय बाबा ओ डाइक् मैंयाँ प्रेमके चिन्हाँ ९ ठो छावा छाइ जन्मलि । आझ हम्रे ९ ठो छाइ छावा मसे १ ठो छाइ मोर टरक् ओ २ ठो छावा मोर आघ काल गति लेके बिट्गैलैं । डाइ बाबक् मैंयाँके चिन्हाँ ५ ठो छावा ओ १ ठो छाइ बँचली । यिह मसे २ ठो डाडु ओ १ ठो डिडी बा कलसे मोर टरे २ ठो भैया बटैं । १ ठो भैया उत्पीडित धर्ती, उत्पीडित वर्ग समुदायहुकनके मुक्तिके खातिर अपन अमुल्य जिवन बलिदान राष्ट्रके लाग डेलैं । नेपालके संविधान २०७२ कुवाँर ३ गते अँट्वार लोकतान्त्रिक संघिय गणतन्त्र, समावेशी ओ धर्म निरपेक्षताके उपहार डेहुइलैं । हमार स्वर्गीय बाबा इ देशक आपन गोदमसे १ ठो शहिद जन्मैलैं । धन्यवाद बाबा ऐसिन साहसिक, आँटिला, जीवन वलिदान राष्ट्रके लाग आपन अमुल्य जिवनके लेक गौराम्विट बनैले बटो ।

मोर ४२ वसन्त पार हुइटी जैना करम बाबक कहल अर्टी ‘जब कमरि भिजी टब याद करबो’ कले रहो, जब नेंगटी जैबो ठेस लागि, टब विचार करबो कना सन्देश मुलक कहाइ अपन कँढ्याम आइल मै सम्झटुँ । जब आपन गोडमसे ९÷९ ठो छाइ छावा जन्मैलो, कसिक अपन परिवारिक चुनौतिसे सामना करना तरिका सिखाके गैलो, धन्यवाद बाबा । मै सम्झटुँ, आपन जिवन गब्डक पटिया, मसरिक दाल, गोहुँक मार, करिया मकैक् पकुवा, उस्नल ओ भात खवाखवाके हम्रहिन जिवइलो । कसिक लुगा लग्वैलो, कसिक बुडिबुडुनक् जोरल घर डुवार, जग्गा जमिन बचाके फेन ठोर बहुत ऐलानी जमिन फँरलो, अंशवण्डा सम्बन्धि मुद्दा मामिला खेललो, डाइक् गरगहना ओरओइलो । टब फेन जग्गा जमिन बचैलो, गाँरिम पेलल् भेगुवा, बरस भर डसियक् लेहल लिलामी लुगा पेंउडा लगालगा लग्वैलो । टबफेन नाना बाला समझ्के पुर्खौलि सम्पत्ति जग्गा जमिन हमार लाग बचैलो, धन्यवाद बाबा ।

उपर उल्लेखित शब्द दुःख कष्ट कठिनाइ बद्नामी नाइ कहिके मै सबक्के रुपमे लेल बाटुँ । दुःखम ज्ञान बा । कठिनाइमे सिकाइ बा । असफलताम सफलताको पाठ शिक्षा बा । अर्टी डेलो पौला लगाइ सिखैलो, पेंउडा लगालगा लूगा लगाइ सिखैलो, माटि लेक कपार मिसे सिखैलो, गबडा, दाल, मार खाइ सिखैलो । यी सब कठिनाइसे सामना करक सिखैलो । टब कहो ‘हठियँक कढियम गदाहा नाझुलहो’ कलो । कठिनाइ परल बेला नाअक्तयहिइहो कलो । हुइल बेलाम नाढुर्क्यइहो । टावाम दडनु पाँजर रोटी पाकठ् छावा कलो । बैठ पैनु कहिके फच्याक्से नाबैठहो, कह पैनु कहिके कच्याक्से ना कहहो । टोहाँर कहल शब्द मोर मानस पटलम खेलठ अभिन । अपन परिवारिक जिम्मेवारी मोरफे कढियाँमे छोरले बटो । जौन आपन कठिनाइक संघर्षसिल जीवन जियक सिखैलो ।

मै स्याकम कि नाइ कना प्रश्न चिन्ह बा । हमार बुडुक (जगतराम) २ ठो छावा रहल । २ ठो बुडु संयुक्त रहलक मारे (सुर्जा बर्का रलसेफेन मन्हला कहिगैल । समाजम कहिगैलक मन्हला स्वर्गीय सुर्जा ओ छोट्का काका स्वर्गीय गुर्जा रहल । काका बिटल बाद सौता काका सुधरामहे हमार बुडु दुधभात खवाइल (भोंर पैठके) । बुडुक् पहिल मढेरुवा (सौनी) कालगतिले मुवल । डोसुर स्वर्गीय बुडि बड्री रहि । यी सक्कुनक स्याहार सुसार रेखडेख बाबा कैलैं । अब्बा सौटा काका सुधराम ओ काकी, डाइ पला बटैं । स्वर्गीय बाबा सुर्जाके ५ ठो छावा मनसे खन्हला सहिद तेज बहादुर (गोला) राष्ट्रके लाग बलिदान डेलैं । बाँकी ४ डाडुभैया ओ १ ठो डिडी बटि ।

बर्का धनिराम, मन्हला जनक बहादुर आपन मढेरुवा लेक अलग अलग बटैं कलसे मै सन्हला वीर वहादुर ओ छोट्का बुद्वि वहादुर एक भान्साम बटि । मोर २ ठो मढेरुवा बटैं (आस्पति ओ सुस्मा) । आस्पतिके गोडमसे २ ठो छाइ बटैं (विणा ओ विनेश्वरि) । सुस्माके गोदमसे १ ठो छाइ निमा बा । छोट्का छोट्किके गोडमसे १ ठो छावा सुशान्त बा । हमे्र सन्हला ओ छोट्का एक्कम हुइलकमारे जन्म डेहुइया डाइ हमार संग बटि । हमार स्वर्गीय बाबा नेपाली नागरिकताके आधारम ६ दशक ६ वसन्त ४ महिना ३० दिन सुदुरपश्चिम प्रदेशक अस्थाई राजधानी धनगढी माया मेट्रो अस्पतालम २०७५ सावन ३० गते रक्षा बन्धनके दिन हम्रहिन लगायत यी संसारमसे विदा होगैलैं । स्वर्गीय बाबक् विदावारि माटिडेना काम २०७५ सावन ३१ गते छेगरि, भेंरि, गैया, बर्ढा ओ भैसिनिया चरैना बनुवाँम थान–मटियइलि) डेलि । ओकर ४ दिन के बाद २०७५ भदौ ४ गते (भात) मर्निकर्नि करलि । चालू समयक् हमार पहिल, डोसुर ओ टिसर पराहा घरक् एक पजहरिया छाना वातावरणिय हावापानी उरैले बा । घरक एक पजरिया छाना किल (डाइ) बाटि ।
वीर बहादुर राजबंसी
कृष्णपुर–६ कन्चनपुर

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वीर बहादुर राजबंसी