महटान अंगना सुनसान होगैल

सागर कुस्मी संगत
४ श्रावण २०७८, सोमबार
महटान अंगना सुनसान होगैल

कविता
महटान अंगना सुनसान होगैल

छुनछुन मंजिरक् छन्कार
घेल्टुङ्ग घेल्टुङ्ग मन्डरक् टार
ठुम्मुक ठुम्मुक् पुठ्ठा डुम्कैना
उलर उलर मन्डरा बजैना
उह् हेरी,
महटान अंगना सुनसान होगैल ।

डेहुरारीक् खेखरी मैयाँ
पाटा मनिक् जोग्या बभ्ना
मर्वा मनिक् भेर्वा डेंउटा
छाँकी बुडी चर्हाइ छुट्के
फुरेसे,
महटान अंगना सुनसान होगैल ।

महटान बुडी गोंरी बिने छोरडेली
महटान बुडु छट्री बिने छोरडेलाँ
मोर्हिन्याँ काकी गीत गाई छोरडेली
नचुन्याँ भौजी मंजिरा बजाइ छोरडेली
जट्टीके आझ,
महटान अंगना सुनसान होगैल ।

बर्का डाडु मन्डरा बजाइक् छोरडेलाँ
घरे काम करूइया कोइ नैहो
गोरू भैस हेरूइया कोइ नैहो
बर्कान बुडु अक्केली
ढन्ढा करट करट अँट्या गैलाँ
फुरेसे,
महटान अंगना सुनसान होगैल ।

अइ मोर्हिन्याँ काकी
अइ नचुन्याँ भौजी
अइ मन्डरीया डाडु
सक्कु जे बुडीबुडु
डिडीबाबु
आब,
फेनसे गाउँ चैनार कैना बा
सखिया, झुम्रा, हुर्डुङ्वा
पक्डोंइह पक्डोंइह मन्डरा बजाके
झाल मंजिरा कस्टार छन्काके
सक्कुहुन राहरंगीत कराके
गाउँ घर अंगना चम्पन कराके
फुरेसे, जागी आब
काहे कि,
महटान अंगना सुनसान होगैल ।

सागर कुस्मी संगत
कैलाली

महटान अंगना सुनसान होगैल

सागर कुस्मी संगत