कुइलरियाफें गैटी बा बैरागी गीत यहाँ

प्रतिक्षा चौधरी
१७ असार २०७८, बिहीबार
कुइलरियाफें गैटी बा बैरागी गीत यहाँ

गजल
कुइलरियाफें गैटी बा बैरागी गीत यहाँ ।
प्रकृतिफें रोइटी बा गिरैटी शीत यहाँ ।

मेहनतके टो कोइ कदरे नैहो हेरो ना,
जे घुस डी ओकरे हुइटी बा जीत यहाँ ।

अन्जान मनै डेठंै दुख पिरामे साथ बरु,
रठैं दुस्मन जिहिहे मन्ले रबो मीत यहाँ ।

सम्झुइया बुझुइया कोइ नैजोहो यहाँ,
बरु हँस्ठंै ओरेक घरमे मारपीत यहाँ ।

डेख्के किल बहुत डर लागठ महिन टो,
अजिबके बनाइल बा डुनियाँके रीत यहाँ ।
प्रतिक्षा चौधरी
जानकी ५ पठरहिया कैलाली

कुइलरियाफें गैटी बा बैरागी गीत यहाँ

प्रतिक्षा चौधरी