डख्खिन टेंर्ही गाउँक् इतिहास ओ परिचय : एक अध्ययन

सागर कुस्मी
२८ श्रावण २०७८, बिहीबार
डख्खिन टेंर्ही गाउँक् इतिहास ओ परिचय : एक अध्ययन

इतिहास/अनुसन्धान
डख्खिन टेंर्ही गाउँक् इतिहास ओ परिचय : एक अध्ययन

परिचय
कैलाली जिल्लाके कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ८ मे पर्ना गाउँ हो डख्खिन टेंर्ही गाउँ । इ गाउँ पहिलेक् बसौटी गाउँ विकास समिति वडा नम्बर ७ मे परे । उत्तरओर लोहरपुर गाउँ, कटैनी लडिया, डख्खिनओर लक्कर गाउँ, पुरुबओर प्रतापुर गाउँ, बरका बनुवाँ ओ पस्छिउँओर बेंडौली गाउँक् सिमानासे छुवल बा । कटैनी लडियाके ढिकुवामे थारु बस्ती रहल गाउँ हो डख्खिन टेंर्ही ।

गाउँक् नाउँ
इ गाउँ नाउँ कैसिक परल कना टमान मेरके कहाइ बा । करिब वि. स. १९८८ साल के बात हो । यहाँ पूरा घनघोर बनुवाँ किल रहे । स्थानिय सवारी डंगौराके अनुसार कुछ कहाइ असिन बा । बनुवाँ फाँरके बैठल गाउँ हो । सुरुमे यहाँ एक घर किल रहे । सुरुमे टोलान घर किल रहे । टबजाके गुरवाने अस्टके ढिरेढिरे आउर आउर परिवार फेन आइल हुइँट् ।

पहिल कहाइ–बनुवाँमे टेकुइ जात के रुख्वा सबसे ढेर मिले । ओहे टेकुइ मिल्लक् ओरसे इ गाउँक् नाउँ टेंर्ही परल हो ।

डोसर कहाइ असिन बा–बनुवाँमे खैयरके किल रुख्वा रहे । खैयरके रुख्वा जुन बरा टेंर्ह टेंर्ह रहे । ओहे ओरसे से इ गाउँक् नाउँ टेंर्ही परल हो ।

टिसर कहाइ–बनुवाँमे टेन्डके रुख्वा किल हुइलक् ओरसे फे इ गाउँक् नाउँ टेंर्ही परल हो ।

चौठा कहाइ–इ गाउँमे एक्ठो बरा खिटहर मनैयाँ रहे । उ मनैयाँ बरा टेंर्ह टेंर्ह बात किल बट्वाए । ओहे ओरसे फे इ गाउँक् नाउँ टेंर्ही हुइल हो ।

इ गाउँक् उत्तरओर उत्तर टेंर्ही (हाल लोहरपुर), परुबओर पुरुब टेंर्ही हुइलेक ओरसे फेन इ गाउँहे डख्खिन टेंर्ही कहटी आइल बटैं । जा जैसिन रलेसेफेन अभिन ठोस खोज अनुसन्धान कैना जरुरी बा ।

सु्रुमे बैठल बस्ती ठेन बरा टेंर्ह रहे । ओस्टेके इ गाउँक् डग्गर बरा टेंर्ह हुइलक् ओरसे फेन इ गाउँक् नाउँ टेंर्ही परल हो । गाउँक् अवलोकन करलेसे डग्गर फेन टेंर्हे बिल्गाइठ । रुख्वा बरिख्वासे भरिभराउ हुइलक ओरसे इ गाउँ बहुट सोहावन ओ सुन्डर बिल्गाइठ । खलखल खलखल पानी बहना कटैनी लडिया, ओहे लडियामे बनल पक्की बँढुवा आउर गाउँ पहिचान बर्हैले बा । मलगर हरियर खेटुवा, बरका बनुवाँ हिट्कल डख्खिन टेंर्ही गाउँ एकचो छिरलेसे हरकोइ मोहनियाँ जाइठ् ।

जैना डग्गर
डख्खिन टेंर्ही गाउँक् जाइक लाग महेन्द्र राजमार्गके बर्हैपुरसे (मसुरिया) सिढे डख्खिन जाइ परठ । पैडर नेंगके २ घन्टा ३० मिनेत लागठ । सँइकिलसे १ घन्टा लागठ । बसमे ४५ मिनेत लागठ । मसुरिया ठन्से बस चहुर्के ४० रुप्या टिरके जाइ सेक्जाइठ । मसुरियासे १४ किलोमिटरके दुरीमे बा । ओस्टके हुलाकी सरक हसुलिया बजारसे १० किलोमिटर दुर परठ । हसुलियासे पैडर गैलेसे २ घन्टा लागठ् । सँइकिलसे एक घन्टा लागठ् । बसमे ३० रुपियामे आधा घन्टामे पुगेसेक्जाइठ् ।

लडिया/टलुवा
डख्खिन टेंर्ही गाउँ प्राकृतिक सम्पदासे भरिभराउ गाउँ हो । यहाँ टलुवा, लडिया, बनुवाँ, माटी, हावा, पानीसे भरल बा । उत्तरसे डख्खिन बहना कटैनी लडियामे बार्हो मास खलखल खलखल पानी बहटी रहठ । गाउँक् पस्छिउँ ओर झरनहिया कुलुवा ओ टलुवा फें पर्यटक लोगनके लाग हेर्ना लायक ठाउँ हो । मने अझ्कल एकर संरक्षण नैहुइ सेक्के खट्रामे पर्टी जाइटा । उहे कुलुवक् पानीसे इ गाउँक किसान खेतीपाती कर्ठैं ।

सामुदायिक बनुवाँ
श्री शिव पार्वती सामुदायिक बन उपभोक्ता समुह कैलारी ८ मे पर्ना बनुवाँ हो । इ बनुवाँ २०७४ जेठ ५ गते डिभिजन बन कार्यालयमे बिधिवत रुपमे दर्ता हुइल बा । जेकर दर्ता नं ५२६ हो । इ बनुवाँके क्षेत्रफल ८६.९४ हेक्टर बटिस । इ बनुवाँ ६ वडाके चुकाहापुर गाउँहे फेन सिमोटल बा ।

इ बनुवाँके उत्तरओर बरपिपल सामुदायिक बन (पुरुब टेंर्ही) परठ । डख्खिनओर बेलपाती सामुदायिक बन (प्रतापुर) परठ । ओस्टके पुरुब ओर राष्ट्रिय बन ओ पस्छिउँओर कटैनी (डखिखन टेंर्ही) लडिया परठ । श्री शिव पार्बती सामुदायिक बन समूह कुछ बरसमे बन व्यवस्थापन कैके अपन गतिविधि आघे बर्हैना जनैले बा । ओस्टेके वन्यजन्तुहे पानी पिना व्यवस्थापन करक् लाग एक्ठो पोखरी बनैना फेन योजना बटिस । ओकर लग सक्कुजे लागे पर्ना बा ।

यहाँ उपभोक्ताके आधारमे घरधुरी संख्या १८० जाने बटैं । यहाँ १९ घर सम्पन्न खाले परिवार बा कलेसे ४४ घर माध्यम खाले परिवार बा । ११७ घर विपन्न खाले परिवार बटैं । ओस्टेके यहाँक् कुल जन्संख्या ८५७ मन्से महिलनके जनसंख्या ४२९ ओ पुरुसनके जनसंख्या ४२८ बा । आदिवासी जनजातीमे महिलनके संख्या २७९ ओ पुरुसनके संख्या २८१ बा । दलितनके महिलनके जनसंख्या २२ ओ पुरुसनके जनसंख्या १९ बा कलेसे अन्य जातिनके महिलनके जनसंख्या १२८ ओ पुरुसनके जनसंख्या फेन १२८ बा ।

बनुवाँसे सेवा सुबिधा
गाउँक् मर्नीकर्नीमे इ बनुवाँसे निसुल्क काठिपाटा मिल्ना वयवस्था बा । ओस्टेके बरसमे २ डल्लप काठी फेन हरेक घरहे डेजाइठ् । एकर सुल्क २०० रुपिया लागठ । भोज भटेरमे २ डल्लप डेना नियम बा । लेकिन सुल्क भर एक डल्लप के ४०० रुपिया लेजाइठ् ।

पक्की बँढुवा
डख्खिन टेंर्ही गाउँ चिन्नाह एक्ठो निसाना हो पक्की बँढुवा । पक्की बँढुवा डेख्टि किल सहजे अन्मान लगाइ सेक्जाइ कि इहे हो डख्खिन टेंर्ही गाउँ । उत्तरसे डख्खिन पानी बहटी रहल कटैनी लडियामे पक्की बँढुवा बनल बा । इ बँढुवा वि.स. २०५० सालमे बनल हो । यहाँसे पानी सिचाइ करक लाग नहर निकार गैल बा । इ नहरके पानी कैलारी गाउँपालिकाके १, २, ३, ४, ५, ६ ओ ७ वडाके किसान लोग कृषिमे बेल्सठैं । नहरके पानीसे ढेर किसानहे सिचाइ सुविधा हुइल बटिन् ।

मरुवा
गाउँक् उत्तरओर एक्ठो मरुवा बा । उ मरुवामे पाँच पान्डप, घोटैलि ओ मरि कना डेंउटा लोगनके ठान बटिन । मरुवामे ढुरिया पुजा, हरेरि पुजा, लवाँगी पुजा निकासी पुजा पुज्जाइठ । मरुवा अभिन पक्की बने नैसेकल हो ।

गीतबाँस
इ गाउँमे पहिले सखिया, झुमरा, हुरडुंग्वा, कट्घोरी, डिन नचुवा, नाच नाच्जाए । मने अझ्कल बाहेरके संस्कृतिके कारण सक्कु नाच हेरा सेकल लागल बा । लावा पिढी अइसिनमे ध्यान डेहे नैसेक्ले हुइँट् । अझ्कल डसिया डेवारिमे नाटक फेन डेखा जाइठ । हरेरी पुजा करेबेर भलमन्सक् घर रात भर झुमरा नाच नाचजाइठ ।

टरटिहुवार
थारु सामुदाय संस्कृतिमे सबसे धनी सामुदाय हो । बार्हो महिना मनैना टिहुवार इ गाउँमे मनाजाइठ । घर छौनी, हरडहुवा, गुर्ही, अस्टिम्की, अँट्वारी, डसिया, डेवारी, लवाँगी पुजा, माघ, ढुर्हेरी फेन ढामढुमसे मनाजाइठ ।

गुरुवा/केसौका
गाउँमे कुछ रोग बिरोग ना लागे, खेतीपातीमे कुछ महामारी ना फैले कहिके गाउँक् हेरबिचार करुइया गुरुवा ओ केसौका टेक्गैल रहठ । गुरुवा ओ केसौका लोगनके काम धान बालीमे कुछ रोग ना लागे, गाउँक् मनैन कुछ समस्या ना आइन कहिके गुरवा ओ केसौका जरिबुटी, झारफुँक कैना चलन अभिन बा । ओस्तेके हरेरी पुजा, लवाँगी पुजा, ढुरिया पुजा, निकासी पुजामे मुख्य भुमिका रठिन् गुरवा केसौकाके । सेवा करल बापत गुरुवा केसौका प्रति घरसे बार्षिक १०–१० किलो धान पैठैं ।

भलमन्सा/अघरिया
गाउँ समाजहे नीति नियममे रहिके गाउँ संचालन करक लाग मुख्य काम रठिन भलमन्सा ओ अघरियक् । डग्गर बनैना, बेगारी कैना, भोजकाज ओ मर्नीकर्नीमे किसन्वन कामेम् खटैना, कुछ समस्या झगरा लराइ मिलैना काम भलमन्सक ओ अघरियक् भुमिका रठिन । सेवा करल बापत भलमन्सा अघरिया प्रति घरसे बार्षिक ६–६ किलो धान पैठैं ।

सागर कुस्मी संगत
कैलारी गाउपालिका वडा नम्बर ८ डख्खिन टेंर्हीक् सागर कुस्मी कैलाली जिल्लक् ढुरखम्भा मान्जैठंै । कैलाली जिल्लामे थारु भासा साहित्यके अभियान सुरुवट करुइया जो सागर कुस्मी ‘संगत’ हुइँट् । छिट्कल थारु साहित्यिक सामाज , जिउगर साहित्यिक फँटुवाके सस्थापक अध्यक्ष ओ हिरगर साहित्यिक बगालके सस्थापक सचिव फेन हुइँट् । कैलालीमे नियमित साहित्यिक शृङ्खला चलुइया फेन सागर कुस्मी जो हुइँट् । सागरके कैलालीमे थारु भासा साहित्यमे ढेर योगदान बटिन ।

कुस्मी गजल मुक्तक, कविता, हाइकु, ताँका, कथा, लघुकथा, लोककथा, सस्मरन, निबन्ध ओ अनुसन्धान मुलक लेख लिख्नामे हिरगर स्रस्टा हुइँट् । हुँकार हस्ताक्षर गजल संग्रह २०६८, फुटल पोक्री गजल संग्रह २०६८, आँशके सागर मुक्तक संग्रह २०६९ प्रकासिट हुइल बटिन । ओस्टेके, भटौर हाइकु संग्रह, सागरके गागर गजल संग्रह, प्रकासनके तयारीमे बटिन । ओस्टेके रानीसरंगा कथा संग्रह, थारु लोकगीत संग्रह फेन प्रकासनके तयारीमे बटिन । उहाँ नेपाल पत्रकार महासंघ कैलालीके सदस्य, नेपाल आदिवासी जनजाति पत्रकार महासंघ कैलालीके सदस्य, थारु पत्रकार संघके कैलालीके उपाध्यक्ष फेन हुइँट् ।

हरचाली साहित्यिक त्रैमासिक प्रकासन
ओस्टेके कुस्मी हमार पहुरा दैनिक, पहुरा दैनिकमे लम्मा समयसम् अनुभव बिटोर्के साहित्यिक पत्रकारितामे सक्रिय बटैं । २०७१ साल फागुन २८ गते जिल्ला प्रसासन कार्यालय कैलालीमे विधिवत रुपमे दर्ता कराके हरचाली साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिकाके प्रकासन कर्टि बटैं । एकर प्रकासक ओ सम्पादक कुस्मी अप्नही हुइटैं । कैलाली जिल्लामे अब्बेसम् नियमित रहल एक्केठो किल साहित्यिक पत्रिका हो हरचाली । सात बरससे लगटार प्रकासिट हुइटि रहल इ पत्रिका अब्बे सम् २५ अंक सम् निकर सेकल बा ।

निसराउ साप्ताहिक प्रकासन
साहित्यकार/पत्रकार सागर कुस्मी प्रकासन ओ सम्पादनमे धनगढी कैलालीसे २०७७ भदौ महिना थारु भासक् निसराउ साप्ताहिक पत्रिका फेन प्रकासन हुइटी बा । सुदूरपस्चिमसे थारु भासक् साप्ताहिक पत्रिकामार्फत कुस्मी थारु समुदायके भासा, कला, संस्कृति ओ साहित्यके उत्थान हुइटी रहल कैलालीसे नियमित थारु भासक् इहे किल साप्ताहिक पत्रिका हो । पहुरा थारु दैनिक फेन नियमित बा ।

संगम कुस्मी
कैलारी गाउपालिका वडा नम्बर ८ डख्खिन टेंर्हीक् संगम कुस्मी फेन डख्खिन टेंर्हीक् हिरगर साहित्यकार हुइँट् । उहाँ भासा, साहित्यमे ढेर कलम डौरैले बटैं । उहाँ गाउँक् बारेम् गजल मुक्तक लिख्के ढेर गुण लगैले बटैं ।

ओरोनी
कैलाली जिल्ला कैलारी गाउँपालिका ८ डख्खिन टेंर्ही गाउँ एक नमूना गाउँ बनाइ सेक्लेसे यहाँके सांस्कृतिक सामाजिक, साहित्यिक विकासके मजा सम्भावना बा । यी गाउँके बुढापाका लोगनसे लोक साहित्य खोज अनुसन्धान कैके कृति प्रकाशन करे सेक्लेसे यी गाउँक् दस्तावेजीकरण हुइ । यी गाउँमे साहित्यकार, पत्रकार, कलाकार उत्पादन हुइना सम्भावना ढेर बा । यी ठाउँके युवा जागरुक हुइना जरुरी बा । साहित्यिक अभियान नियमित सञ्चालन करेलेसे यहाँके साहित्यिक झन्कार हुइसेकी । यकर लाग गाउँ समाज, युवा क्लब, सामुदायिक समिति जसिन संघ संस्था जागरक हुइना जरुरी बा । सक्कु गाउँबासी एकजुट, एकमुष्ट हुइलेसे सिंहपुरके अलग पहिचान झल्के सेकी । यकर लाग सक्कु जाने मिलके सहकार्य करे पर्ना जरुरी बा ।
सन्दर्भ श्रोत
१.डंगौरा सवारी, (२०६७) अगहन १५ गते, बातचित ।
२.चौधरी कलिराम, (२०७४) अगहन १५ गते, बातचित ।
३.चौधरी बाँधुराम, (२०७७) जेठ १२ गते, बातचित ।
४.चौधरी धनिराम, (२०७७) जेठ १२ गते, बातचित ।
५.चौधरी चम्फा, (२०७३) माघ ५ गते, बातचित ।
५.कुस्मी संगम, (२०७८) सावन २८ गते, बातचित ।
६.कुश्मी सागर, (२०७३÷२०७४) स्थलगत अध्ययन ।

सागर कुस्मी
लेखक् हरचाली साहित्यिक त्रैमासिकके प्रकासक ओ प्रधान सम्पादक हुइँट् ।

डख्खिन टेंर्ही गाउँक् इतिहास ओ परिचय : एक अध्ययन

सागर कुस्मी

लेखक् हरचाली साहित्यिक त्रैमासिकके प्रकासक ओ प्रधान सम्पादक हुइँट् ।