लोहरपुरके झन्कार

सागर कुश्मी ‘संगत’
३१ श्रावण २०७८, आईतवार
लोहरपुरके झन्कार

लोहरपुरके झन्कार

उ गाउँ कहाँ बा । जहाँ डिनक् केरनि फेन पुगे नैसेकठ् । उ ठाउँ कहाँ बा । जहाँ केक्रो आँखी नैडेखठ् । हाँ, ओहे गाउँ–ठाउँक् बारेम् इ लिख्नौटि मे अपन मनके पोकरी खोले जाइटँु ।

जेठके चिरंगन् घामेम् मोर यात्रा सुरु हुइल रहे । धनगढी बसपार्कसे मोरसंग युवा गजलकार बलराम चौधरी, दांङ डेउखरके गोचाली परिवारके संस्थापक सदस्य भगवतीप्रसाद चौधरी, मोर सहयात्री बन्लंै । अत्तरियामे बटिया हेरके बैठल रहिट् टीकापुरसे आइल रामचरण चौधरी ‘अजराइलके बगाल’, ओमहे झुलगैलै रेडियोकर्मी प्रेमलाल दहित ओ सुमन चौधरी । हमार गन्तव्य रहे कंचनपुरके शुक्लाफाटा–३ लोहरपुर गाउँ । कार्यक्रमके आयोजना करले रहे हरचाली त्रैमासिक सुमिरन पत्रिका ओ व्यवस्थापन कैले रहे लोहरपुर गाउँ ।

अत्तरियासे एक मनैयँक् ५० रुप्या टिरके हमार १० जहनके बगाल कलुवापुरसमके बसमे सवार हुइलि । रामचरण ओइने २ जाने भरभड्डामे सिरकलंै । बसमे यात्रु लोगनके डबडबा हुइलेक् ओरसे ग्रीष्म ऋतु फेन मनके साठ डेले रहे । साँसफें लेना फेन कर्रा ।

राजमार्ग रहे चाहे गल्ली बसवालन्के अपन टारसे अपन टार लेलक् ओरसे केकर जिउ रहुवास हुइल हुइ । अत्तरियासे २० किलोमिटर पार करटि कलुवापुर चोकमे हमार टिकटके म्याद ओराइल । डिनक् केरनि ढिरेढिरे मढुर हुइटि रहे । कलुवापुर बजारमे अटो चिटैली लेकिन लोहरपुर नैजैना हुइलेक ओरसे वहाँसे हमरे पैडर नेंग्टी गैलि । आँजर पाँजर हरियर रुख्वा बरिख्वा हेरटि हमार परगा आघे बह्रटि गैल । आढा घन्टामे पुग्ना मनै १ घन्टासे जेडा बनुवाँ भिट्टर डनडनाइ परल । पैडरिया डगर भुट्भुटाइल हुइलेक ओरसे हमार बगाल कंचनपुरके लोहरपुर गाउँमे साँझ ७ बजे पैला टेकल ।

गाउँक् बाबुन्के हमार अस्रा लागके बैठल रहिंट । लोहरपुर गाउँमे मै इहिसे ५ बरस पहिले हिरगर साहिट्यिक बगालके कार्यक्रममे हाजिर हुइना मौका पैले रहुँ । मोरसंग गैल संघरियनसे पहिलचो गोरा टेक्ले रहिंट लोहरपुर गाउँमे । वनुवँक् किनारे रहल बरा सुन्दर गाउँ लोहरपुरके हावापानी, बनुवाँ फटुँवा बरा सोहावन ओ लोभावन बा लोहरपुर । मलगर जमिन जहाँ कृषिके बह्रिया उत्पादन क्षेत्र हो । सिंचाइके लाग ठाउँ–ठाउँमे बोरिङ गारल बा । घरघरमे मोटर जडान हुइल बा ।

सिहरा लागल जिउ बेरि खैना ट्याम फेन हुइल रहे । कुछ बेर रहिके घरगोसिया मोहनबहादुर डंगौरा हाँक परलैं । घरैया साडा खानपिन वहाँक् भंसरियनके पकाइल पकवान संघरियन डबाडबा अघैंलैं । बेरि खाके गाउँक् सहभागिनसे चिन्हाँजान करटि झुम्रामे झुमके सेजिया ओर लग्ली ।

जेठ १८ गते २०७६ लोहरपुर साहित्यिक कार्यक्रम हुइना डिन । बिहानके गाउँक् अवलोकन टाल टलैया, बनुवाँ फटुँवा, लडिया खल्हुवा अवलोकन भ्रमन करेक् लाग हमार बगाल नेंगल । लोहरपुर गाउँक् बारेम् ढेर बहुट जानगैल । १ सय ६ घर रहल पटा चलल लोहरपुर गाउँ । पहिले इ गाउँमे लोहार बैठ्लक् ओरसे इ गाउँक् नाउँ लोहपुर परल हो । मने कै सालमे वस्टि बैठल हो कहिके जानकार कराइ नैसेक्ठैं वहाँक् मनै । बुह्रापाकनसे खोज अनुसन्धान कैके एकर बारेम् लिख्ना जरुरी बा ।

अस्टेके ननहे, बातचिट करटि करटि हमरे सेल्खहुवा टलुवा हेरे गैलि । इ टलुवा ६ विघा क्षेत्रफल अगोरले बा । प्राकृतिक टलुवा हुइलेक् ओरसे फेन एकर संरक्षण नैहोके डिन डिने सुखैटि ओ भँठ््िट जाइटा । इ टलुवा गाउँसे १ किलोमिटर डख्खिन बा । पहिले इ टलुवामे कट्कुँइक् फूला ओ सेल्खी किल मिले टबेमारे इ टलुवा नाउँ सेल्खहुवा परल हो कहिके लोहरपरके मोहनबहादुर डंगौरा बटैठैं ।

घुमट फिरट हमार बगाल जोन्हाँपुर होमस्टे जैना सल्लाह हुइल । बिहानक् गोरपासु करटि जोन्हाँपुर फेन पुग्ली । घोंघी खैना इच्छासे पुगल मनै हमरे घोंघीक् स्वाड लेहे नैपैली । जोन्हाँपुर गाउँ झलारी बजारसे ६.५ किलोमिटर डख्खिन परठ । इ गाउँक् डख्खिन ओर १ ठो बरभारी टलुवा बा । ओकर नाउँ हुइस् खैकन्द्रा टलुवा । ओहे टलुवक् नाउँसे खैकन्द्रा समुदायिक होमस्टे संचालनमे आइल बा । ८ ठो घर होमस्टेके लाग व्यवस्ठा हुइल बा । जोन्हाँपुर गाउँके अवलोकन कैके हमरे लोहरपुर गाउँ लगलि । समय फेन कलुवा खैना जुन हो गैल रहे । कलुवा खाखुके हमरे कार्यक्रम ओर लगलि ।

हमरे २०७६ साल जेठ महिनाके १८ गते हरचाली साहित्यिक त्रैमासिकके १२औं श्रृंखला शुक्लाफाँटा–३ लोहरपुर कंचनपुरमे एक कवि गोष्ठी कैके कार्यक्रम उसरलि । लोहरपुर गाउँक् भासा, कला, साहित्य, संस्कृति बारेम् कुछ अध्ययन, अवलोकन कैके लेख, रचना मार्फत गाउँक् बारेम् कुछ दस्तावेज करि ओ लावा युवा पुस्टनहे थारु भासा लिखि ओ लिखाइ कना उद्देश्यसे कैगिल रहे । जुटौलामे कार्यक्रममे आउर खन्गर बनाइक लग दाङ डेउखरके गोचाली परिवारके संस्थापक सदस्य भगवती प्रसाद चौधरी कार्यक्रमके लोभावन हिरगर स्रस्टा रहिंट । ओस्टेके बर्दियासे थारु भाषा उत्थान मञ्च गोचाली परिवारके सुदिन चौधरी, उपाध्यक्ष रिता चौधरी, कोषाध्यक्ष हिरालाल चौधरी सदस्य कल्पना चौधरी हाजिर होके कार्यक्रम उर्सनामे बरवार जिम्मेवार निभैले रहिंट । सुदिनके प्रगतिशिल गीत सुन्के कार्यक्रममे सहभागी लोगनके मन चौंकस हुइल रहिन । रिता चौधरीक सजनासे सबके हृडय भिट्टर जुर बयाल पैंठके सिट्टर लागल रहिन ।

टीकापुर कैलालीसे अजराइल साहित्यिक परिवार फेंन सहभागी जनैले रहे । रामचरण, बलराम चौधरी, बसन्ती चौधरी, रिमा चौधरी, अन्जली चौधरी, सलिम चौधरी, सन्जीप चौधरी फेंन सहभागी हुइल रहिंट । आस्टेके कैलालीक् भजनीसे फेन लाहुराम चौधरी जहर, खरग्वारसे प्रेमलाल दहित, सुमन चौधरी फेन मौका पैले रहिंट ।

राजापुर बर्दियासे तुलाराम सनम, हसुलिया कैलालीसे एचएम परिश्रमी, सागर कुस्मी फेन कार्यक्रममे जमल रहिंट । कंचनपुर लोहरपुरके प्रेम उल्टहुवा, मोहनबहादुर डंगौरा, उर्मिला चौधरी, दिपा चौधरी, लगायत स्रस्टा लोगनके डमडार रचना वाचनसे कार्यक्रम भव्य रुपमे उसरल रहे ।

लोहरपुर साहित्यिक कार्यक्रम २०७६ कंचपुर जिल्लाके एकठो ऐतिहासिक कार्यक्रम बनल । यि कार्यक्रमसे लोहरपुर बासी अइना दिनमे भासा, साहित्य, संस्कृति बचाउ अभियान चलैना बात बट्वैलैं । एक आपसमे सद्भाव मैयाँ, प्यार बहर््लिन् ।

गाउँक् विकासके लाग एकताके जरुरट परठ यिहे पाठ सिखाइल जेठ १८ गतेक् लोहरपुर साहित्यिक कार्यक्रम । छाइ छावन् शिक्षा डेहे परठ । बाल विवाह रोके परठ अस्टे अस्टे ज्ञानगुनके पाठ सिखाइल लोहरपुर बासिन उ कार्यक्रम । अपन अपन प्रतिभा डेखैना मौका फेंन पैंलंै ।

लोहरपुर गाउँमे ढेर जाने नुकल युवा प्रतिभा बटैं । अवसर नैपाके ओइनके प्रतिभा मनमे गुम्सल बटिन । कार्यक्रममे झन्डाबोझीक् हिमाली चौधरी सजना गाके सहभागी हुइल लोहरपुर गाउँक् छिपल पाकल पुर्खनके हौसला डेले रहिंट । अइना दिनमे हरेक साल उत्सवके रुपमे साहित्यिक कार्यक्रम कैना बाचा करटि झुमरामे झुम्टी कार्यक्रम ओराइल ।

कार्यक्रम निप्टाके लोहरपुरिक् डाडु भौजिन्के पहुनन् लाग घोंघि, मच्छी, खरिया, फुलौरि, अन्डिक् झोर, फेन जुगार कैले रहिंट । साँझ के हुइल टे सक्कु जाने रस्गरसे बात करटि सिहरा मेटावन् सुरकलि । अपन अपन सुख डुखके बात बट्वइलि ।

चलि गोचाली आब हमरे फेन लोहरपुर के जस्टे अपन अपन गाउँमे साहित्यिक अभियान चलाइ जिहिसे हमार थारु भासा साहित्यके डग्गर फरछ्वार ओ डरगर हुइटि जाइ ।
सागर कुश्मी ‘संगत’
लेखक कैलालीक धनगढीसे लगाटार प्रकासिट हुइटि रहल हरचाली साहित्यिक त्रेमासिक पत्रिकाके प्रकासक हो प्रधान सम्पादक हुइँट् ।

लोहरपुरके झन्कार

सागर कुश्मी ‘संगत’

लेखक कैलालीक धनगढीसे लगाटार प्रकासिट हुइटि रहल हरचाली साहित्यिक त्रेमासिक पत्रिकाके प्रकासक हो प्रधान सम्पादक हुइँट् ।