बनियँक् बच्चा

दुर्जन कुमार चौधरी
२ भाद्र २०७८, बुधबार
बनियँक् बच्चा

कथा
बनियँक् बच्चा

कहे मुहेपर मारे शिरे पर । सुनल बाट बट्वाइक परठ काहँु । बट्वैबो टे मन हलुक हुइठ । उ बाटसे कोइ कुछ बाटफें सिखठ । मजा बाट सबके दिलमे लागठ, नैमजा बाट दिमागमे लागठ । टबेमारे मजा मजा बाट किल बट्वाइ परठ । नैटे झगर हुइठ । मै अपनेनहे मजा नैमजा बाट बट्वाइ जाइटुँ । कुछ सुनाइ जाइटुँ । सुनके मजा बाट नैमजा बाट हो कना टे अपनेनके छुट्यैना हो । लि आब मजासे बैठ्के कथा सुनी, टबेटे जन्बी ।

शुरुमे बनियाँ कलक का हो । बनियाँ कलक व्यापारी हो । आबक् मनै बनियाँ कलक नैबुझ्ठैं । टबेमारे बनियँक् कहानी ओ बुच्चरके कहानी मै अपनेनहे मजासे सुनाइ जाइटुँ । पहिले पुरान मनै व्यापारीनहे बनियाँ कहिंट । अभिन पुरान मनै व्यापारीनहे कोइ कोइ बनियाँ कहठ । हम्रे लावा पुस्टक मनै । सब जहन व्यापारी कठि । बनियाँ कलक जे सामान बेचठ् । कुछ ना कुछ चिजके व्यापार करठ । उहिहे व्यापारी या बनियाँ कहि जाइठ । बुच्चर कना अंग्रेजी शब्द हो । बुच्चरहे नेपालीमे कठैं कसाइ । जे मारकाट करट ओहे हो कसाइ । जे जसिन काम करलेसे फेन अपन अपन पेसा रहठ । आब सुनी छोटमोट मिठ खिस्सा ।

एक देशमे एक राजा कहेहस् एक देशके एक गाउँमे बनियाँ रहठ । ओ एक कसाइ रहठ । बनियँक एकठो छावा लरका रठिस । कबुकाल्ह बनियाँ नैरहल बेला, कहुँ गैल बेला बनियँक् छावा डुकान खोलके बैठ्ठिस । व्यापार चलैठिस । बनियाँ एकदमहस् रोजदिन अपन डुकान खोलके बैठल रहठ । अपन व्यापार चलाइठ । एकदिन बनियाँ टिरठ जैना साेंच बनाइठ । यी दिन टिरठ जैम कहिके जौन दिन पक्का हुइठिस ठीक ओहे दिन सत्य नारायण पुजाके (कथा) दल अइठिस । बनियाँ जब टिरठ जाइ लागठ टे ओहे दिन जैना समयमे बुच्चर पुगजाइठ । ओ कहठ– बनियाँ संघारी, टिरठ जाइटी टे लि मोरो लाग फुलमाला किनके भगवानमे चह्रा डेबी । चह्राइक लाग २÷३ आना रुप्या डैडेहठ् । महिनक् हर अँठ्वारके एकदिन उ बुच्चर छुट्टी करले रहठ । ठीक ओहे दिन गाउँमे एक घर सत्य नारायणके पुजा फेन रहठ । बुच्चर उ दिन सत्यनारायणके कथा सुने चल जाइठ । पुजा पाठके सामान डेके । बनियाँ कहठ अपन छावाहे–छावा मै टिरठ जाइटुँ, टैं सत्यनारायणके कथा सुने जाइस । मोर ढिला फेन हुइ सेकी टिरठसे यहाँ पुग्ना । नैपुगलसम टंै बिहानके डुकान खोलके बैठिस । कहिके कहठ । छावा हाँ कहिके कथा सुने जैना ओ डुकान खोल्ना बाटमे हामि भरठ । बनियाँ टिरठ चलजाइठ । जब साँझ हुइठ । टब बनियँक छावा कथा सुने चलडेहठ । कथा सुने जाइट टे पण्डित्वा कथा सुनाइ भिरल रहठ । कथा सुनाइ बेर कहट–यी सत्यनारायणके पुजा हो । जब फेन बोल्बो टे सँच बोल्हो । कबु नैझुठ बोले परठ कना बाट बट्वाइठ । झुठ बोल्लेसे पाप लागठ । अस्टे अस्टे कथामे पण्डित्वा कहटी जाइट सुनैटी जाइठ । कथा सुने गैल मनै फेन सुन्टी जैठंै । कथा ओराइठ सब मनै प्रसाद लेले खैटि पिटि अपन अपन घर प्रस्थान हुइठैं । बिहान हुुइठ । बनियँक छावा अपन डुकान खोले जाइठ । डुकान खोलठ, पुजापाठ करठ, मजासे डुकानमे बैठल रहठ । गाउँक् मनै सामान लेहे अइठिस ओ पुछठिस–उरडक् दाल बा । बनियँक छावा कहठ–हाँ, बावइ । कैसिन बा ? मजा टे मजा बा मने कंकर मिलाइल बा । टबटे के लि असिन कंकर मिलाइल । कहिके उ मनैयाँ चलजाइठ । फेन डोसर मनैयाँ आइठ् । डुकानडार जि, मिरचा बा ? बावइ । कैसिन बा । कोरु बा कि नाइ । कोरु टे बा मने, १ बल्टी पानी सिमसिम वाँइल बा । ठोरचुन सुड्बुडरार हुइ । ओ गरुक् हुइ कहिके कहठ बनियक छावा । फेनसे मिर्चा लेहुइया मनै घुमके चलजैठिस । उ दिन अक्को बेंच नैपाइठ । अस्टे अस्टे अपन करल सँच बोल्के । उ दिन व्यापार चौपट होजैठिस ।

बनियाँ जुन टिरठ गैल रहठ । बनियाँ जब मन्दिर पुगठ । टब पुजा करे लागठ । आघे अपन पुजापाठके सामान चुनरी, बटासा, नरिवल, पुजापाठके सामान जम्मा चह्राइठ । अपन लानल सामान चह्राके सेक्के बुच्चरके डेहल पुजाके सामान चह्राइठ । टब भगवान खुश होके हँसठैं । टब बनिया कहठ । मै अट्रा ढेर सामान रुप्या चह्रैनु । कुछ नैहुइल । बुच्चरके अट्रै २÷३ आना किल चह्रैनु टे भगवान खुश हुइनै । काहे ? कना प्रश्न करठ । टब भगवान कठैं–टंै हमेशा पाप करठे । रोज भगवानके पुजा करठे मने रोज दिन झुठ बोल्ठे । एकदिन फेन डुकान बन्द नैकरठे । कमसेकम अँठ्वारके एकदिन कुल डुकान बन्द करटे कलेसे उ दिन टैं झुठ नैबोल्टे । बुच्चरहे हेर, उ रोज हत्या करट, टबफेन एक दिन अपन डुकान बन्द जरुर करट । एकदिन उ पाप कटाइट् । टबेमारे मै बुच्चरसे प्रसन्न बटुँ । टैं कबु फेन डुकान बन्द नैकरठे । रोज दिन खोल्लेक खोल्ले । एकदिन फेन अपन घरक मनैनसंग लरका बच्चन संग बैठ्ना फुर्सद नैमिलैठे । कमसेकम एकदिन आराम करटे टे, अपन घरक मनैनहे मैयाँ प्रेम डेटे । अस्टे अस्टे बाट टमान कठिस, सम्झैठिस । वहाँसे बनियाँ पुजापाठ करके अपन घर प्रस्थान कर लेहठ ।

कुछ दिन रैहके बनियाँ अपन घर पुगठ । घरे पुगके आराम करट । आराम करके अपन डुकान जाइठ् । डुकान पुग्टीकिल अपन छावासे पुछठ । कत्राके व्यापार हुइल रे छावा ? छावा कठिस–कुछ व्यापार नैहुइल हो बाबा । कैसिन नैहुइल व्यापार कहिके बाबा पुछठिस । छावा कठिस–सब मनै अइठैं बिना सामान लेले घुम्के चलजिठैं । टब बाबा कठिस मै रहुँ टे गजब व्यापार होए । टंै कैसिक नैकर पैले । काहे नैहुइल व्यापार बटा ना । कुछ टो कारण हुइ ? छावा कठिस–सब जाने सामान किने अइठैं । सामान पुछ्ठंै । सामान टे बा कठुँ मने सब सँच सँच बटा डेठँु । दालमे कंकर मिलाइल बा कहिके, मिर्चामे पानी छिटल बा कहिके, पेट्रोलमे मट्टितेल मिलाइल बा कहिके, अस्टे अस्टे जम्मा बाट बटा डेठुँ । टबे नैलेठै । काहे बटैठे टे टंै ? टे कले रहिस सत्यनारायण के कथा सुने जाइस कहिके । मै कथा सुने गैनु टे पण्डित्वा कहल कि सँच–सँच बोल्हो, झुँठ कबु ना बोल्हो । झुँठ बोल्बो टे पाप लागठ कहिके कहल । टबेमारे मै सँच–सँच किल बटा डेनु । सँच बटैनु टबसे कोइ लैजाइ नैलागल । टबेमारे व्यापार नैहुइल । कथा सुन्के टंै व्यापार जम्मा चौपट पार डेले । कथा सुने जैबो टे टिप्लुहुरके नैबैठे परठ । मजासे बैठ्के कोनम रुमाल बिछाके कथा सुने परठ । कथा सुन्के सेक्बो टे ओहे रुमाल ओहंै झराके, सक्कु बात ओहंै छोरके आइ परठ । टाकि कथा फें सुनलेउ । पाप पुणफे कटा लेउ । मने कुछ बाट ओहैं रुमालके संग झराके आइ परठ । टबेमारे साँपफें मुजाए मने लठ्ठी ना टुटे कना ए हे हो । पाप पुण्य कटाके फेन अपन काम मजासे करे परठ । नैटे काम कैसिक करे सेक्बे । कुछ करक लाग कुछ बिस्राइ ओ छोरेक परठ । टब अपन व्यापार चलाइ सेक्बे । दुनियाँ का करटे, सब एहे काम टे करटंै । अस्टके अपन छावाहे सम्झैटि । मजासे डुकान चलाइस कना बाट सिखाइठ ।

बनियाँ अपन डुकान मजासे चलाइठ । मने मन्दिरके बाट समझके ओहे कारणसे बनियाँ अँठ्वारके एक दिन अपन डुकान बन्द करना सोंच बना लेहठ । टबसे शनिच्चरके रोज एकदम ड्ुकान बन्द करे लागठ । टबसे डेखट सुनठ लगभग सब मनै, व्यापारी अपन डुकान, व्यापार एकदिनके लाग बिदा करना साेंच बना लेठै । टबसे कोइ जानठ बुझठ टे एक दिन अपन डुकान जरुर बन्द करठंै । चाहे जौन व्यापारी, चाहे जौन पेशा अपनाइल मनै लगभग एकदिन अपन व्यापारमे जरुर बिदा करना कहिके नियम बनैले रठंै । डुकान शनिच्चरके रोज, नौवनके मंगरके रोज, कोइ अँट्वार ओ सोम्मारके रोज डुकान, अफिस बन्द करल डेखजाइठ् । कुछ पाइक लाग कुछ चिज गुमाइ परठ । फाइदा पाइक लाग सँच बाटहे भुले परठ । नैटे बनियँक डुकान कैसिक चलि । फाइदा कैसिक कमाइ । बनियाँ मनै मुरके मुरमे बेंचही टे व्यापार करलक का अर्थ । बनियाँ चाहे जत्रा लग्गेक्, नाटपाट, संघरिया चाहे अपने घरक् मनै रहे उ फाइदा कमाके जरुर बेंचि । अपने अपने मनै हुइलक् कारण, संघरिया हुइलक् कारण, नाटेपाटे हुइलक कारण, मै अपनेहे अत्रा रुपयक् डेहटुँ नैटे नैडेटुँ कहिके बाट बना बनाके कुछ फाइदा लेके जरुर बेंची । लाख कोसिस करो मने बनियाँ टे बनियाँ हो । एक दुई रुप्या घाटा डि टो अत्रा ढेर घटा डेहल कना खुस होजैही । बनियनके एहे असुल होकि मै कैसिक व्यापार करु कना । व्यापारी असिक नैकरी कलेसे अपन व्यापार कैसिक चलाइ । बनियाँ टे बनियाँ हो । उ जब फें फाइदा खाके बेंची । बिग्रल सामान रहिहिस टबफें उ कुछ सोंचके बेंचि । कुछ रणनीति अपनाके बेंचि । टबमारे चाहे जौन बनियाँ रहे मने बनियँक बच्चा कबु नैसच्चा कना एहे हो । यी कथामे जसिन ज्या लिखल रलेसे फें यी एकठो कथाकिल हो । केउ किहुहे संयोग किल हुइ । केउ रिस दुःख ना मानेउ । धन्यवाद । अट्रै हो कथा कहानी । हँसिया लेबो कि बेंट ? बेंट । टोहाँर आउर मोर सदादिन जिन्गी भर भेंट । ओराइल ।

दुर्जन कुमार चौधरी
कैलारी ६ कैलाली

बनियँक् बच्चा

दुर्जन कुमार चौधरी