रकटके रंग

संगम चौधरी
७ भाद्र २०७८, सोमबार
रकटके रंग

कथा
रकटके रंग

कोठा रकटके बुँडेबुँडा रहठ । भिटाफेँ रकटे रकट । एकओर बेहोसमे काजल ढर्टिमे ढलल रठिन । उ बेहोसमे रठि । हाँ काजल बेहोस अवस्ठामे ढर्टिम ढलल रठिन । हाँठके नारी ढरियार चक्कुले सटसट काट्के पुरा रकट बहल रठिन । आखिर काहे काटल हुइहिन हाँठक नारी काजल ? काजल यि कर्नाके कारण एकठो चिठ्ठी लिख्ले रठि । चिठ्ठी रकटे रकटमे लटपटाइल रहठ ।

काजल चिठ्ठी अइसिक सुरु कर्ले रठिन । निस्ठुरि अविनास आझ मै यि चिठ्ठीमे रकटके एकएक बुँडा गिरैटि हेरटँु कहुँ मोर रकटके रंग फरक बा कि मै एक डमाइ जाटि मान जैना । टुँ थारु जाटके । टबे ओरसे टोहाँर ओ मोर रकट फरक हुइलक कारणसे टुँ महि छोट जाट कहिके ओ जान नैमिलल कहिके महि पाँजर लगाके अपन जाटहे रोज्लो । मै हेरटुँ यि एकएक रकटके बुँडा मने फरक नैडेखठुँ । सायड अन्टमे फरक रंग निकरठ कि कहिके हेर्टि बटुँ सायड मोर आँख सडाके लाग बन्ड हुइसेकी मने डेख्ना मनै डेखही कि जनजाटि, थारु ओ डमाइके रकटके रंग फरक रहठ या नाहि । अविनास टोहाँर रकट फेंन लाल बा मोर फेंन लाल बा । टोहाँर रकट मोर सरीरमे चलटा अविनास । याड करो जौन डिन मोर मोटरसइकिलके डुर्घटना हुइल उ बेला मोर सरीरमे टोहाँर रकट डार गिलक । टोहाँर रकटसे मै बँचल बटँु अविनास मनेफें काहे जाटिके फरक डेखैठो । रकटके लाग गल्लिक पागल भिखारी हुकनके फेंन जरुरट पर्ना ट भोजके लाग जाट छुटैना काहे ? रकटके जरुरट परल बेला मनैनके जाट नैपुछ्ना मने भोजके बेला जाट छुटैना काहे ? अविनास याड करो बनैना वाला । एकठो बटंै जे टुहिन बनाइल । उहे महि ओ सारा डुनियँक् मनैन बनाइल । सारा डुनियाँके मनैनके रकटके रंग लाल बा ओ एक डोसरके रकटसे बँचल बटैं । रकट हेर्के जाट छुट्याइ नैसेकजाइठ कोन ढनीके हो कौन गरिबके कौन थारुके कौन डमाइके रकटसे ना टे ढर्म छुट्याइ सेकजाइठ । कौन मुसलमानके, कौन हिन्डु, ख्रिष्टियन, कौन बौद्धके । अविनास टुँ थारु हुइटो मने टोहाँर ओ मोर रकट एक बा । मोर हाँठमेसे रकट बहटा मने कौन टोहाँर ओ कोन मोर कोइ छुट्याइ नैसेकी । कहटि चिठ्ठी अढुरामे रुकल रहल । काजलके कलम अट्््रैमे रुकल रठिन ।

काजल ओ अविनासके भेंट एकठो डुर्घटनामे हुइठिन । अविनासके मोटरसाइकलमे लर्के काजलके बहुट रकट बहे लगठिन ओ अविनास काजलहे लेके अस्पतालमे लैजैठै । काजलहे रकटके खाँचो जरुरट रठिन । अविनास अपन रकट डेके काजलहे बचइठंै । काजल भर्खर जवान रहि ओ अविनासफें । अविनास काजलहे डेख्के बहुट डया ओ मैयाँ लग्ठिन । काजलके बहुट ख्याल करठैं । सारा खर्च अविनास व्यहोर्ठैं । काजलके जब होस अइठिन । अपन पँजरे अविनासहे डेख्ठिन । अविनास डेख्नामे सुग्घुर रहिंट ओ काम फेन ओस्टे रहिन । डयालु, नरम, प्रेमी स्वभावके रहिन अविनास । काजलफें अपन ओरसे बहुट सुन्डरी रहिन । भर्खरिक फुलल फूला जस्टे । काजल अविनासके डयासे मोहिट होगैलि । अविनासफें काजलके बोली बचनसे मोहिट होजैठैं । डुनुजाने एक डोसरसे मोहिट होजैठै ना चिन्हल ना जानल मैयाँ बैठगैल रठिन । ना नाउँ पटा ना जाट पटा रठिन ।

अविनास ओ काजल उह बेलासे ढिरेढिरे एक डोसरके मैयाँमे रमाइ लग्ठैं । डिन बिट्टि जैठिन काजल ओ अविनास एक डोसरसे बहुट लग्गे होजैठैं । एक डोसरके जीवनमे साठ डेना बाचाफें करलेठैं । ढिरेढिरे डुनुजहनके प्यारके चर्चा हुइ लग्ठिन । काजल अविनासहे सच्चा मैयाँ कर्ले रठिन । अपन डिलसे सारा मनसे अपन सारा जिन्गी सौंपले रठिन काजल । मने डुनियँक् मनैनके आघे नाहि कहिंट । कोइ संघरिया पुछ्लेसे नाइ मै अविनासहे केवल मजा संघरिया मन्ठँु किल कहिन । मने काजल मनके भिट्टरसे रोइन । काहेकी काजल अविनासहे पुरा डिलसे मैयाँ करिन ओ डुनुजे बाचा करसेकले रहिंट । अविनास जब काजल जीवन साठीके लाग नाइ मजा संघरियाके रुपम किल हेरठ कना बाट सुनिट टे मन टुट जाइन । ढिरेढिरे अविनासके जीवनमे औरेजे ठाउँ लेहे लग्लिन । अविनासहे कोइ औरेजे अपन बनाइ लागल रहिन । बनासेकले फेन रहिन । यि बाट काजलहे पटा नैरहिन । काजलहे अविनासके उप्पर कौनो सक नैरहिन कि अविनास महि छोर्के कोइ औरे जहन अपनिहि कना ।

कुछ डिनके रहिके काजल अविनाससे फोनमे बाट कर्ना चहलिन । फोन अविनास नैउठाके औरेजे उठैलिन फोनमे लौवन्डिक आवाज अइलिन् । काजल अविनासहे पुछ्लिन ओ बाट कर्ना चहलि मने लौवन्डि बाट कर्ना मनाहि करडेलिन ओ फोन काटडेलिन । जोन लौवन्डिसे काजलके बाट हुइलिन । उ लवन्डि काजलके अपने बहुट मिल्ना संघरिया रठिन । काजल अपन संघरियाके आवाज जान लेठिन । काजलके मुटुके ढक्ढिउरी जोरजोरसे चले लग्ठिन । काजल बेचैन होजैठिन आझ काहे सेलिना अविनासके घर कारण का हो कहिके जन्ना चहठिन । मने फोन नैउठ्ठिन । काजलके बहुट प्रयासके फोन उठ्ठिन ओ अविनासके आवाज अइठिन । काजल सिढा सेलिनाके बारेम जन्ना चहठिन काहे सेलिना वहाँ कहिके । अविनास कठंै का टुहन पटा नैहो सेलिना मोर जीवन साठी हुइटिन कहिके । काजलहे यि बाट सुन्के सारा जिन्गी उजरल जसिन हुइठिन । सारा सपना सारा योजना टुट्के बिगर जैठिन । काजल कठि मै मै के हुँ ? मै केकर जीवनसाठी हुँ हा ? का उ मन्डिरमे करल बाचा झूठा रहे । आझ सम महिसे करल सब काम, मोर सरीरसे खेलल सब झूठ हो । टोहाँर स्वार्ठ हो कहिके काजल रोरोके चिल्ला चिल्लाके कठिन । लेकिन अविनास कठोर मन करके जवाफ घुमैठैं । टुँ टे महि केवल संघरिया मन्ठुँ कहिके अपन संघरियन कहो । आझ कहाँसे जीवन साठी हुइना बाट कर्ठो । मै टोहाँन अपन डिलसे चाहुँ मन जब टोहाँर बाट संघरियन सुनाइँट् । टोहाँर हाँसहाँसके करल बाट टुँ महि केवल संघरिया मन्ठो जीवन साठीके लाग नाइ कना बाट सुन्नु टब मोर मन बडलगैल कि टुँ महिसे मैयाँके नाटक कर्ठो, टोहाँर सब बाचा बनौटि हो या झुठ हो कहिके । मै बहुट फरक डेखे लग्नु टोहाँर बारेम फरक सोंचे लग्नु । मै टोहाँर नैहुँ मने टोहाँर औरे बा कना सोंचे लग्नु । टोहाँर प्रति नाकारात्मक सोंच आइ लागल । यी सब बाट मै कहे नैसेक्नु । टोहाँर सँग मै फें राहरंगि किल कर्ना सोंच बनालेनु । ढिरेढिरे टोहाँर संघरिया सेलिना मोर जिन्गीम अइना सुर करे लग्लिन ।

सेलिना जब टोहाँर बाट सुन्लिन कि टँु महि केवल संघरियाके नाटासे हेर्ठो । टब सेलिना महिसे जीवन साठीके प्रस्टाव ढर्लिन । मे स्विकार कर्नु ओ हमार डुनु जहनके सम्बन्ढ गार्ह हुइटी गैल । जोन मैयाँ टुहिन डेना सोंच्ले रहँु उ मैयाँ सेलिनाहे डेहे लगनु । सेलिना टुहिनसे नुकछुपके महिसे बाट करे लग्ली । टुहिनसे सब बाट गोप्य ढारके अपन मनक बाट महिसे साटे लग्लिन । सेलिना अपन सारा कुछ महि सौंप सेकले रहिन । जब टुँ सेलिनासे अपन मनके बाट करो । अपन जीवनसाठी बनैना बाट करो टे

सेलिनाके मन डुखिन । कारण सेलिना फें महि चाहि । सबकुछ गैल रहे सब कुछ गैसेकल मे टुँ अपन सच्चा मैयाँके आवाज निकरलो । रोइटो कहिके अविनास काजलहे अपन कठोर मनसे जवाफ डेके कलो । काजल चिल्लाके कठि नाइ अविनास टुिहन सबकुछ पटा रहे मै टुहिन सँच्चा मैयाँ कर्ठुं । अपन डिलसे अपन सारा टनमनसे । मै डुनियँक मनैनसे नुकैनु कारण हमार मैयाँमे केक्रो लजर ना लागे । हमार मैयाँ ना टुटे । हमार बियाह नैहुइट् सम मै हमार मैयाँ हे अपन डिलमे छुपाके ढर्नु । राट डिन मै हमार मैयाँ हे अपन मनमे सजाके ढर्नु टोहाँर पूजा कर्नु । सबकुछ मै टुहिन सम्झनु । मने टुँ महि इन्कार कर्लाे, जाट छुट्यइलो । सडाके लाग महिसे नाट टुर्लो । आखिर टुँ जाट छुट्याके छोर्लो ना । टुँ थारु ओ मै डमाइके मैयाँ मे का फरक बा । रकट मे का फरक बा । टोहाँर मास ओ मोर मास मे का फरक बा । टोहाँर सरीर ओ मोर सरीरमे का फरक बा । टोहाँर रकट ओ मोर रकट मे फरक बा । आखिर मोर सरीर मे टोहाँर रकट डौरटा ना । आझ अत्रा भारी ढोखा काहे । अविनास कहिके अपन मनक पिडा बटैटि रहिन । काजल अविनासके ढोखासे पागल हस होजैठि । अविनासके कहल एकएक सब्डसे काजलके मुटुमे काँटा गस्कटि रठिन । काजल उ डिनहे सम्झठि । जोन डिन अविनासके मोटरसाइकलमे लरल रहिन ओ घाहिल होके अस्पतालमे लैगिलक् । अपन सरीरसे बहल रकट सोंंच्ठि । उहे रकट जोन चोट लागके बहल रहिन । उहे रकटके रंग जोन पहिले रहिन ओ आप बटिन । जोन रकट अस्पतालमे अविनास अपन रकट डेके काजलहे लावा जीवन डेले रहिंट । लावा जीवनके सुरुवाट कर्ले रहिन । काजल सम्झठिन आझ जोन मोर सरीरमे बा । उहे रकट अविनासके हो लेकिन अविनास जाट छुट्यइलैं । आझ मोर नाउँके पाछे डमाइ लागल बा टब फरक होगैनु ना मै । अगर मोर नाउँके पाछे थारु जोर जाइ कलेसे अविनास थारु ओ काजल थारु मै का फरक हुइ । केवल जाटके नाउँसे मनै भारी जाट ओ छोट जाट छुट्यइठैं । जाटके नाउँसे मनैनके हेर्ना नजर फरक होजैठिन । छुवाछूट माने लग्ठैं । भुखक् आघे जाट नैपुछ्ठी । पेट भरठिन टे जाट पुछ्ठैं । कना अनेक बाट कजलके मनेम खेल्ठिन ।

काजल अपन रकटके रंग ओ अविनासके रकट फरक के छुट्याइ सेकी कना प्रमाण अपन हाँठ काट्के कोठा भर चुहाडेठिन ओ कौन अविनास के हो कोन काजल के हो ? कौन थारु के हो कौन डमाइ के हो ? काजल ओ अविनासके रकटके ग्रुप मिलल रठिन कोइ छुट्याइ नैसेकट । उहे रंग उहे ग्रुप बनैना वाला कौन जाट नैढरलैं । सब जहन बराबर मैयाँ करठैं । सब जहन बनैना वाला एक्कठो उहे हुइटंै । मने फेंन संसारमे मनै काहे जाटभाट हेरठैं । काहे छुवाछूट मन्ना ? रकटके रंग सबके लाल बा । हार मास एक्के बा । डुनियाँमे मनै जोन भासा, जोन पहिरन, जोर संस्कृति अप्नैठंै उहे अन्सार हुइठिन मने सबके रकटके रंग लाल, हार मास एक्के रठिन । संसार सबके साझा घर हो । सबजे एक परिवार हुइटि टब फें काहे जाट छुवाछूट मन्ना । ओराइल ।

संगम चौधरी
पुनर्वास २ कंचनपुर

रकटके रंग

संगम चौधरी