अचकच्रे सपना

संगम चौधरी
९ भाद्र २०७८, बुधबार
अचकच्रे सपना

कथा
अचकच्रे सपना

थारु बस्टी पघरी लागल घर रहठ । उह फेन हर घरक अंगना जोरल । सोनिया ओ सुरजके जोरी आउर सोहावन । बचपनसे संगे स्कूल जैना । एकजे नैगैलेसे औरे फेंन नैजैना । अचम्म मानिन सबजे सुरज ओ सोनियाके सम्बन्ढ डेख्के । सँगे स्कूल जैना संगे खेल्ना, संगे छेग्री चह्राइ जाँइट सोनिया ओ सुरज । जहाँ फेंन एक डोसर बिना नैजैना, गैलेसे संगे जैना । एक डोसरके साठ चाहिन ओइनहे ।

सोनिया ओ सुरज भारी हुइटी गैलैं । ओस्टक ओइनके जिन्गीक् योजना फेन फरक हुइटि गैलिन । ओइनके हँस्ना बोल्ना, खेल्ना, नेंगना सब फरक हुइटि गैलिन । सोनिया ओ सुरजके जिन्गी फेन एक प्रेमजोरीके नाटकमे बिटल रहिन । बुक्रिभाँरा खेलेबेर सुरज डुल्हा बन्ना ओ सोनिया डुलही । एक प्रेम जोरी, एक असल पटनी बन्ना करिंट । एक डोसरके साठ डेलक संग संगे काम करलक । बोली बचनमे आडर सम्मान । ओ सुन्डर परिवार म एकठो सन्टान जन्मलक । ओ असल रेखडेख करलक । सोनिया लर्काहे बोकुँ लेके काम करलक ओ डुढ पिओइलक । एकठो छोटमोट सुन्डर झोंपरी बनाके बुक्रिभाँरा खेलिंट सोनिया ओ सुरज ।

सोनिया जस्टक भारी हुइटि गैलि ओस्टक हुँकार सुन्डरटा बहर्टी गैलिन । सोनिया डेख्नामे बरा सुग्घुर रहि । सोनिया जस्टक बैस फुल्टी गैली हुँकार रुप रंग डेख्के छक्क परिंठ सबजे । मने सुरज ओ सोनियाके प्रेमके बन्धन कोइ टुरे नैसेक्ले रहिंट । सोनिया ओ सुरजके ओहे जोडी रहिन जोन बच्पनमे रहिन । सोनिया ओ सुरजके बच्पनके जोरीमे सबजे खुसी रहिंट मने जब जवान हुइलैं टे उइनेके जोरीमे सबजे जरे लग्लैं । अभिन टमान बदनाम करे लग्लैं । ओइनके अनेक बहाना कर्के सोनिया ओ सुरजके मैयाँमे बाधा पुगाइ लग्लैं । सुरज ओ सोनियाके बच्पनके जोरी गार्ह हुइलकमे टुर्ना कोसिस करटहिन सबजे । हँस्टि रमैटि रहल डुइ बीचमे आँसके लडिया बहाडेलैं । सुरज ओ सोनियाहे छुटैना अनेक बहाना लगाइ लग्लैं । सोनिया ओ सुरज सरीरके सास नैछुटठ सम संगे रना, एक डोसरहे साठ डेना कसम खासेकले रहिंट । एक डोसरसे कोइ अलग कराइ नैसेकी कैह्के, यडि कराइ कलेसे केवल मौट कैह्के कसम लेसेकले रहिंट ।

डिन समय बिट्टिगैल सोनिया ओ सुरजके पलपलके जिन्गी टरप टरपके गुजर टहिन । एकपल रहे नैसेक्ना होगैल रहिंट । मने मजबुरीसे अलग हुइ परल रहिन । सुरजसे सपनाहे डुर करैना एकठो कारण रहिन । सुरज गरिबीके कारण पर्हे नैसेकले रहिंट । सोनियाके नाटपाँट सोनियाहे कहिन । सोनिया ओ सुरज गरिब बा कसिके पालेसेकी टुहिहे, कसिके टोर चाहनाहे पुरा करेसेकी । कसिके टुहिहे खुसी डेहेसेकी । खुड ओकर खाइ नैपुग्ठिस । अपन जिउ पल्ना कर्रा बटिस टे टुहिहे कसिके पाली । ना पर्हल हो ना कौनो कमैना डगर काकरेसेकी सुरज कैह्के सोनियाहे सुरजसे अलग करैना बहुट प्रयास कर्लिन ।

यी समाज फेन कसिन कुछ कर्ना हौसला डेहक् छोर्के उप्परसे ठिचठ । डगर डेखाइक छोर्के आउर मस्ना काम करठ । साठ डेहक् छोर्के आउर सम्बन्ढ टुर्ना काम करठ । सोनिया ओ सुरजहे जट््रा रोके खोज्लंै मने कोइ नैसेकल । सुरज ओ सोनिया उ गाउँ छोर्के निकर पर्ला अपन प्यारके संसारमे रमाइ लग्लैं । एक परेवाके जोरियाहस् । संगे घुम टहिट हाँस टहिंट, खाइ टहिंट । मने ओइनके पाछेपाछे चिलहरिया, कौवा, गिडार, बाघ, भाल जसिन सोनियाके नाटपाँट छुट परलैं खोजे । आखिर छिनके छोर्ला सोनिया ओ सुरजके खुशी । ओइनके जिन्गी टहसनहस पार्के छोर्ला । सारा कुछ लुटके छोर्ला सोनिया ओ सुरजके ।

सोनियाहे लैजाके एक कोठामे बन्ड कर डेलंै । सुरज एकओर टरप टरपके जिएटहिट कलसे सोनिया एकओर । सोनिया पिंजरक भिट्टर ठुनल मच्छी जसिन छटपटा छटपटाके आँसके घुट्का पिके जिअटहिट । भेट कर्ना माढ्यम ना टे बाट कर्ना । एकओर सुरजके बेहाल रहिन । कारण सोनियाके भोज औरे जहन संग कर्ना सारा योजना मिला सेकले रहिन । एकओर सुरज सोनियाके कहल बाटसे पागलहस रहिंट । सोनिया कले रहि सुरज यि यडि टोहाँर हुइ नैपैम कलेसे मोर डोली नाहि लास उठी । मोर अंगनामेसे सोनिया कैके कले रहि । सुरज यहे बातसे टर्पिट कारण सोनियाहे कैसिक बचाउँ कहिके । सुरजके दिल टुक्रा टुक्रा होसेकल रहिन । सोनियाके लहास निकर जैहिन कना पुरा पटा रहिन । काहेकि सोनिया सुरजहे सँच्चा मैयाँ करिन् । अचानकके भोज अंगनामे ना पटंग ना बाजा पुरा सुनसान । सबेजे हड्बड् हड्बड् करिंट । सुन मिलठ बरात लेके सोनियाहे लेहे दुल्हा आइटै कहिके । एकघचिक पाछे सुनमिलठ सोनिया गँरझुल गैलि । एकओर बरात एकओर सोनियाके लहास । यि घटनासे सारा टोल खहलबहल होगैल । आखिर काहे यी सब करटहिंट सोनियक् घरक मनैं । बस उहे ना अप्ने ढनी ओ भारी मान इज्जट रहल परिवार होके मने एक अपन सन्टानके खुसी छिन्ना कारण गरिबी ओ अशिक्षिट होके । संसारमे कोइफे ढन सम्पत्ति लेके नैआइल, ना टे यहाँसे लैजाइसेकी । मनैनके किस्मटके खेल हो । यहाँ गरिब करोडपटि बने सेकठ कलेसे करोडपटि रोडम गिरे सेकठ । मान इज्जट, सम्मान, भलाइसे आइठ, बुराइसे नाहीं ।

आखिर सोनियाहे नास कराके छोर्लैं ओइने । सोनिया अपन भोज जबरजस्टी औरे जहनसे कर्ना बाट सुन सेकले रहि । एकओर सुरज सोनियाके प्यारमे पागलहस होगैल रहिंट । सोनिया सुरजहे कले रहि सुरज मै केवल टोहाँर हुँ, केवल टोहाँर, टोहाँर सिवाइ केक्रो फें नाइ । सुरजके कानमे केवल यह शब्ड गुन्जटि रठिन ओ छाटी चिरेहस कर्ठिन, सोनियाहे कसिक बचाउँ कैह्के ।

सोनियक् बिन ठेगानके भोजसे सबजे अचम्म मन्ले रहिंट । हर कोइके मनमे प्रश्न अइना स्वाभाविक बाट हो । आखिर काहे सोनियाके भोज अचानक ? सोनिया यी डिन डेख्ना नैचहली । सोनिया हार खासेकले रहि यी स्वार्ठी समाजसे । एक पशुके व्यवहार कर्वा पाके सोनिया खिस्या गइल रहि । सोनिया स्वटन्त्र जिना चाही जिन्गीक लक्ष्य बनाके । लेकिन सारा खुसी छिन सेकले रहिन सोनियाके अपने घरक परिवारसे । अन्टिममे सोनिया अपन जीवनके अन्ट अपनहे करलेलि । आत्महत्या करेलेलि । स्वार्ठी समाजके सोंचसे खिसै लागके । यी कैसिन समाज ना हाँसे डेहट ना खाइ डेहट, ना सुखसे जिए डेहट । आखिर यी सब काहे केवल यहे कारण ढन सम्पत्ति ओ शिक्षाके । यडि कोइ उट्साह, हौसला पाइठ कलेसे अवश्य एक डिन सफलटाके शिखर चुमठ जिन्गीक सफरमे ।

सुरज सोनियाके बिना अकेली उहे ठाउँमे बैठल सारा कुछ सम्झटि रठंै । घायल डिलके पिरासे आँखी आँससे भरल रठिन । उहे सोनियासे बिटाइल डिनके याड करटि रठंै । जोन सोनियाके संग खेल्लक, हँस्लक, रमैलक ओ मैयाँ प्रीटिके उ पल । सोनिया सुरजके कोनामे सुटके, सुरज आइ लव यु कलक ओ मैयाँ करके चुम्बन करलक उ पल । सुरजहे झलझलि याड आइ टहिन । सोनिया डुलही बन्के सुरजके संग सुटके बाट करलक । चुन्नी ओहोरके घुरघुटके भिट्टरसे मुस्कुरैटी रहल सोनियाके उ मुस्कान सुरजहे झस्कैटि रठिन ।

सुरज उहे ठाउँमे बैठल रठैं । जहाँ बच्पनमे बुक्रिभाँरा खेलिंट । कट््रा रमाइलो रहिन बच्पनके उ पल । संगे स्कुल गैलक, संगे छेग्री चर्हैलक, हँस्लक, रमैलक याड अइठिन । अचानक झस्कठै सुरज । सब कुछ बडलगइल रहठ उ डिन, उ समय केवल याड रहठ । साँझ होगैल रहठ । डिन बुरक लाग बरे भारी लाललाल हुइटि जाइठ । चिरैचुरुंगन बसेरा लेहक लाग अपन अपन ठाउँ ओर लागे लग्ठैं । सबकुछ अपन ओरसे बिडा लेटि रठैं । डिन फेन बुरे लागल हल्का बड्रीमे ढिरेढिरे डिन नुक्ना सुरु करे लागठ । झुसमुस अन्ढार हुइटि जाइटेहे । साराओर सुनसान हुइटि जाइटहे । उहे फँटुवामे लडियक् किनारे बैठल सुरज अक्केली महसुस कर टहिंट ।

सोनिया सडाके लाग बिडा लेके गैसेकले रहि । सबकुछ बडलगैल रहे । साँझ होगैल रहठ सटरसटर सोनियक् घरेम्से मनै निक्रे लग्ठंै । संगे सोनियक् मृट सरीर निकरठंै । सोनियाके जिन्गिक् अन्ट डाह संस्कारके संगे सूर्य फेन बिडाइ लेटी रहे । एकओर सोनियाके चिटा टयार होगैल रहिन । चिटामे सुटल सोनियाके मासुम चेहरा, असिन लागेकी सोनिया निडाइलटि । हँसिल अनुहार जैसेकी सोनिया सपनामे डुबलटि उहे सुरजके । मने ओसिन नैरहे सोनियाके सब कुछ बन्ड होगैल रठिन । उ डिलके ढरकन जो कहिन, सुरज टुँ मोर डिलके ढरकन हुइटो । उ आँखी बन्ड रहिन, जो कहिन सुरज टुँ हरपल मोर लजरमे कर्ठो । सोनिया कहिन सपना मै टुँ मोर संगे रठो ओ विपनामे मोर मनमे ।

सोनियाहे हेर्ना समय ओरागैल रहिन ओ ढिरेसे सोनियक् अनुहार उज्जर घुरघुटसे छोपडेठिन । एक घचिक रहिके सोनियक् चिटामे आगी लगाडेठैं । आगी अपन टेजसे बरे लागठ । उ करिया ढुवाँ घुम्टी बड्रीओर जाइठ । सुरजहे सोनियाके कहल बाट याड अइठिन । सोनिया कहिन–सुरज महि आगीसे बहुट डर लागठ । यडि मै मुजैम कलेसे आगीसे नाजरैहो ना । सुरज यी बाटसे सोनियक् चिट्कार सुनेहस कर्ठैं । आगीमे जरटी रहल सोनिया चिल्लाइटी मानो–सुरज–सुरज पिलिज मही निकारो पिलिज सुरज कैह्के । सोनिया चिल्लाइटि जसिन । सायड सुरजहे ओहे अप्ने आपहे बहुट कमजोर महसुस करटि रहिंट । सोनियासे करल बाचा पुरा करे नैसेकल ओ सोनियासे बनाइल जिन्गीक् सपना सब अच्कचरे होगैल रहिन । सब कुछ अढुरा होगैल रहिन सोनियाके । आखिर भुवा बनगैल रहिन सोयिनक सरीर । सब कुछ ढुवाँमे उरटहिन सोनियाके । केवल उहे रैहगैल रहिन सोनिया काम, हुँकाहार याड ओ हुँकाहार पठाइल पहुरा ।

सोनिया सडाके लाग बिडा लेके गैसेकले रहि । हुँकार सरीरके अन्टिम यात्रा उहे चिटा सम किल रहिन । सुरजके आँखीम सोनियाके बर्टी रहल चिटा ओ सोनियक् कहल एकएक बाट याड आइटहिन । सोनियक् यी संसारसे बिडाके बाड सुरज पागल हस होगैल रहिन । जब सुरज अपन पैला सर्ना चहलंै टे पैला फेन नैउठटहिन । सोनियाके भुवा बनल दृश्य आउर सुरज बारबार घुमके हेरिंट । सुरजके डिल सब टुटगैल रहिन । सुरज अपन पैला आघे सर्ना प्रयास करटहिंट । सुरज अपन मनहे ठामके घरेओर लग्लैं । घरे आके फेन केवल सोनियाके याड राट डिन अइना करठिन ।

कुछ डिन रहिके सुरज फेन ओहोर पुग्लंै, जहाँ सोनियाके संगे बैठके बाट कर्ना करिंट । उहे ठाउँमे सोनियाके लुग्गा, कपरा ओ सारा सामान फेकाइल रहिन । उहे सामानमे सुरजके डेहल पहुरा फेंन रहिन । सोनियाके पर्हल किटाबसे लेके सारा कुछ उहे फेंकाइल रहिन । जब यी सब सुरज डेख्लंै टे फेंनसे बिटल पलके याड झलझलि आगैलिन । आँखिमसे आँसु गिरे लग्ठिन । सुरज उ ठाउँ ओर ढिरेसे पैला सरठैं । एकठो सुन्डर, डायरी उठैठैं । डायरी सोनिया अपन हाँठले सजैले रहि । अपन जिन्गी भावसे सजैले रहि ।

सुरज डायरी हेर्टी गैलैं । जोन डायरीमे सोनिया सारा मनक बाट लिखले रही । सोनियाके पिराके चिटकार । पिडिट जिन्गीक मनक सारा बाट डायरीमे लिख्ले रहि । सुरज डायरी हेर्टी जैंठैं जहाँ पुरा आँसक् बुँडासे भिजल रहे । जोन जिन्गीक अन्टिम डिन लिखल रहिन ।

सोनिया लिख्ले रहि सुरज मै टोहाँर सोनिया सुरज याड आइट महि उ पल जब हम्रे बुक्रिभाँरा खेल्ना बेला टोहाँर डुलही बनलक् ओ टोहाँर जीवन साठी बनलक । टोहाँरसंग बिटाइल हरपलके याड महि सटाइल । सुरज डुनियाँ हमार प्यारके डुश्मन बनल । आखिर हमार गल्टी का रहे हम्रे प्रेम कर्ले रहि केक्रो नोक्सान टे नाइ ना । आखिर काहे हम्रिहिन असिन सजाइ हाँ सुरज ? काहे ? केवल उहे ना टुँ गरिब बटो, टोहाँर महल घर नैहो टबे ना ? आखिर कहाँ लिखल बा कि गरिब ओ ढनीमे मैयाँ नैकर्ना ओ भोज नैकर्ना । कहाँ लिखल बा गरिब ओ ढनीमे मैयाँ फरक फरक रहठ कैह्के । कहाँ लिखल बा कि गरिबमे मैयाँके कमि रहठ कैह्के । आखिर महि यहे कारण कोठामे बन्ड करले बटैं । टुँ गरिब ओ अनपढ बटो कैह्के । सुरज मैयाँसे भारी सर्वोत्तम आउर का चिज बा झे ?

सुरज मै महिना डिनसे कोठामे बन्ड कर्वा पाइल बटुँ । एक पिंजरामे ठुनल पंछी जसिन छटपटा छटपटाके टोहाँर मैयाँमे, टोहाँर आसमे आझ सम जिअल बटुँ । सुरज हमार भेंट हुइट् कि नाइ पटा नैहो । मोर लाग औरे लवन्डा खोज्के पठैना सुन्ठुँ । सुरज मै केवल टोहाँर हुँ टोहाँर सिवा केक्रो नाहि । सुरज यडि असिन हुइ कलेसे सायड मै बहुट डुर जा रहम यी डुनियाँसे बहुट डुर । सुरज बाचा करो यी ढनी गरिब, जाटिय भेडभाव डेखाके हमार जसिन जीवनसाठीहे अलग करैना हुकाने मन यी सोंचाइके अन्ट कर्ना । यी प्यारके डुस्मन हुँकन अन्ट कर्ना । बाचा करो सुरज बाचा करो । मै टोहाँर मनके रानी सोनिया ।

सुरज अट्रै का पर्हे पाइल रहैं । अचानक सुरज कना आवाज आइल । सुरज झस्कठै ओ हाँठेमसे उ डायरी गिर जैठिन । सुरज आवाज अइलक ओर घुमके हेरेबेर ठारु पहिरनमे सजल सोनियाके बाबु सिला रहि । सिला सुरजके लग्गे आके हुँकार छाटिम चपटके कठि सुरज आइ लव यु । मै डेम टुहिन साठ । डिडीहे टे टोहाँर हुइ नैडेलैं । मै बनम टोहाँर जिन्गीक् जोरिया । कोइ नैसेकी रोके हम्रिहिनहे आप । चलो जाइ घरे आप हम्रे लावा घर सुरु करप लावा परिवार सुुरु करप कैह्के डुनुजे वहाँसे घरेओर लग्ठैं । ओराइल ।

संगम चौधरी
पुनर्वास २ कंचनपुर

अचकच्रे सपना

संगम चौधरी