पस्छिउहाँ थारु समुदायमे अँटवारीक रमझम

सागर कुस्मी
३१ भाद्र २०८०, आईतवार
पस्छिउहाँ थारु समुदायमे अँटवारीक रमझम

पस्छिउहाँ थारु समुदायमे अँटवारीक रमझम

धनगढी, ३१ भदौ । पश्चिम नेपालके थारु समुदाय अट्वारी टिहुवार घर घरमे मनैटी रहल बाटै । धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व बोकल टिहुवार शनिच्चरसे थारु समुदायमे अँट्वारीके रौनक छाइल बा । भाद्र शुक्ल पक्षके पहिल अँटवार अर्थात श्रीकृष्ण जन्माष्टमीपाछेक डुसरा अँट्वारहे अट्वारीके वर्त बैठ्ना परम्पराअनुसार थारु समुदाय अट्वारी मनैटी रहल हुइट ।

कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ७ भुँइयाँफाटा गाउँक स्थानीय जयराम चौधरी आपन गाउँक अधिकांश घर अट्वारी मनैटी रहल बटैलै । दुई दिनसम मनैना अट्वारी शनिच्चरके मध्यरातमे दर (भिन्सर्या) खाके थारू समुदायके विधिवत रूपमे शुरुआत हुइना करल बा । अट्वारी मनैनाबारे थारू समाजमे टमान मत एवं धार्मिक विश्वास रहटी आइल बा ।

द्वापर युगमे पाँच पाण्डवमध्येके मन्झला भैया भीम थारू समुदायके एक जाने छाइहे ओहकान उपर हुइटी रहल अत्याचारसे मुक्त करल स्मरणमे अँट्वारके दिनभर भीमके नाउँमे व्रत बैठ्ना ओ पूजाआजा कैना चलन रहल बा । औरे थरि मत अनुसार भीम थारू राजा दंगिशरणहे युद्धमे सहयोग करल कारण ओहकान पूजाआजा, व्रत बैठ्ना चलन रहटी आइल बा ।

भीम नेपालके सुर्खेत जिल्लामे रहल काक्रेबिहार घुमे आइल बेला शत्रुसे राजा दंगिशरण चौधरीउपर आक्रमण हुइल रहे । उ बेला रोटी पकैटी रहल भीम काम छोरके भोकभोके राजा दंगिशरणहे सहयोग करल रहिट ।

दंगिशरण शत्रुउपर विजय प्राप्त करल उहे दिनसे हरेक बरस भीमके पूजाआजा कैना चलन चलल् थारू समुदायके विश्वास रहल बा । अट्वारीमे दादाभैया दिदीबहिनीयाके रक्षाके कामना कैटी पानी समेत नैपिके दिनभर निर्जल, निराहर व्रत बैठ्ना करठै ।

अँट्वारके दिनभर व्रत बैठके दादाभैया साँझके पूजापाठ कैके फलफूल ओ अन्दीक रोटी खैना करठै । वर्त बैठल बर्तालुहुुक्रे फलफूललगायतके पकुवान खैनासे पूर्व आपन खानासे आधा भाग निकारके अलग रख्ना प्रचलन रहल बा । ओइसीक छुट्याइल परिकार विवाहित छाइचेलीहे कोसेलीके रूपमे उपहार डेना चलन रहल बा ।

अट्वारीके डुसरा दिन अर्थात सोम्मारके सकारे पतौला खरिया, खुर्मा, फुलौरी, भात, गब्दा ओ तामासहितके टिनाटान ओ सात मेरके टमान परिकार तयार कैके ब्रतालुहुक्रे नुहाइधुवाइ पूजापाठ कैना करठै । पूजापाठपाछे ब्रताल आपन खानाके परिकारसे आधा भाग दिदीबहिनीयाके लाग छुट्याइलपाछे भोजन कैना चलन रहल बा । सोम्मारके सकारेक भोजनहे थारु भाषामे ‘फ्राहार’ कहिजाइठ् ।

आघेक दिन अँट्वार ओ डुसरा दिन सोम्मारके ब्रतालु दादाभैया आपन खैनासे पहिलेक दिदीबहिनीयाके लाग कहारल फलफूल तथा खानाके परिकार विवाहित छोरीचेलीबेटीहे डेहे जैना चलन रहल बा । छाइचेलीहे बरसभरके सम्झनास्वरूप पठैना कोसेलीहे ‘अग्रासन’ कहिजाइठ् ।

विवाहित छाइचेली दादाभैयाहुक्रे आपन भागसे दिदीबहिनीयाके लाग राखल खानाके परिकार लगायतका पकवानसहितके कोसेली आइ कहिके दिदीबहिनीया दादुभैयनके अस्रा लागके बैठल रहठै । बरसभर लहेर आइ नैपाइल दिदीबहिनीयाहुक्रे इ टिहुवारके अवसरमे दादुभैयनसे भलाकुसारी कैना मौका पैठै । अट्वारी टिहुवार पश्चिम नेपालके कञ्चनपुर, कैलाली, बर्दिया, बाँके ओ दाङ जिल्लाके थारू समुदाय मनैना करल बाटै ।

अँट्वारीमे प्रदेश ओ स्थानीय तहसे विदा

अट्वारीके अवसरमे सुदूरश्चिम प्रदेश सरकार ओ कैलाली जिल्लाके टमान स्थानीय तहसे स्थानीय बिदा डेले बा । सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकार अट्वारी अवसरमे भदौ ३१ गते ओ कैलारी गाउँपालिकासे दुई दिन सार्वजनिक विदा डेले बा ।

कैलारी गाउँपालिका थारु समुदायके बाहुल क्षेत्र रहल ओ अँट्वारी टिहुवार हर्षोल्लासके साथ मनैटी आइल ओरसे भदौ ३१ गते ओ कुवाँर १ गते विदा डेहल हो गाउँपालिकाका प्रमुख प्रशासकीय अधिकृत विरबहादुर ऐर जानकारी डेलै । दुई दिन गाउँपालिका, वडा कार्यालय, शिक्षण संस्था, स्थास्थ्य संस्थामे स्थानीय विदा रहना उहाँ जनैलै ।

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सागर कुस्मी