भल्मन्सा प्रथाहे वैज्ञानिक रुपमे आघे बह्रबः मुख्यमन्त्री शाह

एकपरगा
८ आश्विन २०८०, सोमबार
भल्मन्सा प्रथाहे वैज्ञानिक रुपमे आघे बह्रबः मुख्यमन्त्री शाह

हसुलिया, ६ कुवाँर । सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारके मुख्यमन्त्री कमलबहादुर शाह थारु समुदायके बडघर÷भल्मन्सा प्रथाहे वैज्ञानिक रुपमे आघे बह्राईक लाग चालु आर्थिक बर्षके नीति तथा कार्यक्रममे समेटल बटैले बटै ।

थारु कल्याणकारिणीसभा कैलालीके शनिच्चरके रोज कैलारी गाउँपालिकाके हसुलियामे सुरु हुइल नवौ जिल्ला अधिवेशनके उदघाटन कार्यक्रममे बोल्टी उहाँ उ बाट बत्वाइल रहिट । प्रदेश सरकार हरेक जातजाती भाषाभाषीके संरक्षण सम्बद्र्धन कैना तयार बा’, मुख्यमन्त्री शाह कहलै, ‘ उ मै अठोट कैना चाहटु । चालु आर्थिक बर्षके नीति तथा कार्यक्रममे थारु समुदायमे परम्पराकालसे चल्टी आइल भल्मन्सा÷बडघर प्रथाहे वैज्ञानिक रुपमे आघे बह्राई परठ कना नीति तथा कार्यक्रममे धरले बटी । ओकर लाग प्रदेश सरकार का करे परठ तयार बा ।’

उहाँ कहलै, ‘मै थारु डाडुभैयाहुकनके विचमे बह्रल हुर्कल हुँ । मोर बच्पनके जीवन थारु समुदायके विचमे व्यतित हुइल हो । मै थारु समुदायके समस्यासे चिरपरचित बाटु । हम्रहिन राज्यसे नइहेरल, राज्यसे अलग दृष्टिकोणसे हेरल, राज्यसे सम्बोधन नइकरल कना हम्रहिन आभास हुइठ । संविधान भिटरके हरेक समस्याके सवालफे खोजे परठ ।’

मुख्यमन्त्री शाह कहलै, ‘सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारके मन्यता बा । हरेक संस्कार, संस्कृति ओ रितिरिवाजहे जोगाई परठ । हमार विचमे कुछ समस्या उत्पन्न, सृजना हुइठ । ओकर समाधानफे सक्कु मिल्के खोज्ना करल बटी । ओ समाधनके साथ आघे बह्रना करल बटी ।’

संविधानमे सक्कुहुनके हक अधिकार स्थापित करले बा,’ उहाँ कहलै, ‘संविधानके अक्षरस पालन करके हमार गतिविधि आघे बह्राई परठ । उ मानेमे सक्कु जाने एक हुके आघे बह्रनाके विकल्प नइहो । संविधान भिटरके हरेक समस्याके सवालफे खोजे परठ ।’

थारु कल्याणकारिणी सभा थारु समुदायके हक अधिकार ओ पहिचानके लाग स्थापना हुइल हो, जौन थारु समुदायके जोरना काम करले बा । अब्बेक कार्यकालके सभापति लाहुराम चौधरी दिवंगत हुइल बटै, उहाँप्रति हार्दिक श्रद्धाञ्जली अपर्ण करे चाहटु, मुख्यमन्त्री शाह कहलै ।

कार्यक्रममे बोल्टी प्रदेश सभा सदस्य लक्ष्मण किशोर चौधरी थारु समुदायके पहिचान ओ संस्कृतिमे ढावा बोलजैटी रहल ओरसे थारु समुदाय एक हुके आवाज उठैना आग्रह करलै ।

कैलारी गाउँपालिकाके अध्यक्ष राजसमझ चौधरी माग मुद्दाके लाग एकताके खाँचो रहल बटैलै । सुदूरपश्चिम प्रदेशमे थारु समुदायके चार ठो कोटा रहलमे दुई ठो केल डेके दुई कोटा अछिनल बटैलै । कैलारी गाउँपालिकासे थारु भाषाहे कामकाजी बनैना प्रयास सुरु करल बटैलै । कैलारीमे करिब ९५ प्रतिशत थारु समुदायके बसोबास रहल ओरसे विद्यालयमे महिनाके अन्तिम दिन मौलिक पोशाक घाल्के विद्यालय जैना लागु करैनाफे बटैलै ।

कार्यक्रममे थारु कल्याणकारिणी सभाके महामन्त्री मिनराज थारु, केन्द्रीय सदस्य प्रभातकुमार चौधरी, रामचरण चौधरी, इन्दु थारु, जिउलाल चौधरी, पूर्व मन्त्री गौरीशंकर चौधरी, संविधान सभा सदस्य कृष्णकुमार चौधरी, कैलारी गाउँपालिकाके उपाध्यक्ष भगवतीकुमारी चौधरी, लम्कीचुहा नगरपालिकाके उप प्रमुख जुना चौधरी, टीकापुर राजबन्दी रमप्रसाद चौधरी, नेपाली काँग्रेस कैलालीके कार्यवाहक सभापति खेमराज डगौरा, नेकपा एमालेके होरीलाल चौधरी, नागरिक उन्मुक्ती पार्टीके प्रदीप चौधरी, जसपाके गया प्रसाद कुश्मीलगायतसे अधिकारके लाग एकजुट हुइना आवश्यक रहल बटैले रहिट ।

यिहे विच थारु समुदायके टमान क्षेत्रमे योगदान पुगाइल कहटी थारु कल्याणकारिणीसभाके जिल्ला अधिवेशनके अवसरमे टमान व्यक्तिहुकनहे सम्मान कैगिल बा । सम्मानित हुइलमे कैया चौधरी, भानु चौधरी, इन्दिरा चौधरी, कौशिला चौधरी, बुन्दीलाल चौधरी, जोहारीलाल चौधरी, सुनिता चौधरी, नविन चौधरी, प्रमिला चौधरी, सागर कुश्मी चौधरी, राम दहित, गिता चौधरी, रामसिंह चौधरी, संगिता चौधरी रहल बटै ।

कार्यक्रम थारु कल्याणकारिणी सभा कैलालीके कार्यवाहक सभापति माधव थारुक घरगोस्यामे हुइल बा । यिहे थारु समुदायके नाँच, कठघोरी, शखिया, होरी, झुमरा डेखागिल रहे ।

भल्मन्सा प्रथाहे वैज्ञानिक रुपमे आघे बह्रबः मुख्यमन्त्री शाह

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