यात्रा

देवराज चौधरी
३ कार्तिक २०७८, बुधबार
यात्रा

यात्रा


यात्राके कब का हुइठ् ? पटा नै रहठ् । लेकिन यात्रामे जाइबेर सक्हुन ठीके रही कना सोँच्के घरसे निक्रबो । का हम्रहिन यकिन रहठ् कि हम्रे यात्रा सुखमय बिटाबी !
यी बातके स्पष्ट जवाफ नै मिली अर्थात सुखमय यात्राके ग्यारेन्टी लेहे नै सेक्जाइ । आजके समाचारमे बयालके कारणसे किल स्वयम्भु ठेन मोटरसाइकल दुर्घटनामे महिलाके मृत्यु हुइलक, राहत सामग्री बोक्के अ‍ैटी रलक ट्रक त्रिशुलीठेन डग्गरेम उनाटे बिलिट्के, ट्राफिकके डरसे भागेबेर डोसर मनैयकमे ठककर डेलक या यी बाहेक आउर ढेर यात्रामे अर्थात हवाई यात्रा,रेल यात्रा, जहाज यात्रा, प्यारासुटमे समेट बहुत जोखिम हुइटी रलक प्रत्यक्ष प्रसारणमे समेत स्पष्ट देखापरठ् ।
रुढीवाढी परम्परा अनुसार यात्रा करक लग निक्रेबेर छिंक आइकलेसे यात्रा अशुभ मान्जाइठ् । ओस्टक नन्हे बिलरिया डग्गर कट्लेसे, मरल मनैं डेख्लेसे,छुच्छे गगरी लेहल् डेख्के,बेरम्हाँ मनै डेख्के दुर्घटना हुइल देख्के, झैं झगडा डेख्के आदि तमान संकेत अशुभ जनाइठ् कना बातके विश्वासमे रहठी ओ आझ काम गरबराइठ् कि का कना बातके शंका फेन कर्टी जैठी । यिहे शंकाके कारणले बन्न काम फेन बिगर जाइठ् टे डग्गरम डेख्लक बातहे दोषी डेखैना प्रयास कर्ठी ।
यी हमार नासमझ हो कि बेकुफी,काकरे डोसर जन्हुनहे बीचमे नान्के अपन कामके असफलता हुइलक कारण कारण दोष डेना टे, सोचनीय बात बा । कि मनैं बन्लक कारण हम्रे अनावश्यक जातेपाते सोँच्टी रठी मजा नै मजा मनमे बह्र्या बात खैलैलेसे बह्र्या हुइटी जाई । अनावश्यक बात मनमे नानल् कैलेसे अक्के बाद डोसर, डोसरके बाद टेसर लम्बी–चौंरी हुइटी जाइटे जरुर अप्सकुन् हुई सेकठ् । कौनो फेनगहन बातहे लिरौंसी वातारणमे नाने सेक्ना सबके महत्वपुर्ण बात हो । उट्पट्याङ बातके कौनो अर्थ नै रहठ् कलेसे लम्ही – चौरी बनाए काकरे ……?
पृथ्वीमे भर्खरे गैल् भुइचालके कारण देशके सक्कु नेपालीजनतनहे दुःख लग्ना स्वाभाविक हो । पीडित लोगनके दैनिक यात्रा केना कष्टकर, संघर्षमय बटिन् कना बात घरे बैठके अनुमान लगाई नै सेक्जाई,सहानुभुति किल डेहे सेक्जाई । जे कि एक्ठो त्रिपाल पाइक लग १५/२० घण्टा पैदल यात्रा करटटाँ । रातके ११/१२ बजेसम बर्सल् पानीमे लम्मी लागल् बटाँ,सक्कु परियारहे गुमाके पाँच बर्षक बाबु बेसहरा बनल बटी । ओड भसकके सक्कु वस्ती उजरगैल् बटिन । राहत सामग्री जट्ना अ‍ैलेसे फेन पैलक नैपैलक कौनो कारणसे बँचल खुँचल् सम्पत्ति बेपत्ता हुइटिन् । यी टे सुन्टी ओ समाचारमे डेख्टी अ‍ैलक बात हो । अनुमान लगाई अ‍ैना बर्साटमे जनजीवन कट्ना कर्रा यात्राहे पार कैटी गुजरी सायद कल्पना करे नै सेक्नाई ।
अस्टे– अस्टे वातावरणके कारणले शारीरिक,मानसिक,आर्थिक अवस्थामे हरेक व्यक्ति लगायत राज्यके सम्मु जनता लोगनके मनस्थिति बिगर्टी गैलक कारणसे फेन यात्रामे घट्ना,दुर्घटना,हत्या,आत्माहत्या आदि भयावह हुइटी जाइटा । मानसिक कारणले पागलपन बहर््टी जैना,भोक सन्तापके कारणसे विद्राह रुप लेटी जैना । एक डोसरप्रति रिसिइबीके वातावरण सिर्जना बह्टी राज्य अप्ने आपमे तहस नहस रुप लेटी गैलक संकेत समाचारके हेडलाइनसे प्रत्यक्ष देखा पर्लक सुन्जाइठ् ।
यी प्राकृतिक रुपहे रोक्के रोके ते नै सेक्जाई लेकिन विकराल रुपहे धारण हुई नै डेना सबकसे भारी बात धैर्ययता,आत्माविश्वास, सहासहे माने सेक्जाई अर्थात आपनहे नियन्त्रण करे सेक्क परल् तब किल जीवनमे सुखमय यात्रा पुरा करे सेक्जाई न कि रुढीवादी परम्परा ओ डोसर जन्हुनहे डेखासिखी कै के …?


देवराज चौधरी
लमही न.पा.–७ छुट्की घुम्ना,द्यौखर

यात्रा

देवराज चौधरी

लमही न.पा.–७ छुट्की घुम्ना,द्यौखर