ढोटि ओ भेगुवा फारके

संगम चौधरी
११ माघ २०७८, मंगलवार
ढोटि ओ भेगुवा फारके

भुख ओ प्यासके इक्षा मारके नेगटुँ ।
संस्कृटि बचैना जोँजा बारके नेगटुँ ।

कंन्ढम् झोला, कापि ओ कलम लेके,
चुत्रक् ढोटि ओ भेगुवा फारके नेगटुँ ।

ना रोकेसेकि बनुवा, ना लडिया पखुवा
हाँठक् ओ गोरक् ठेहुनि गारके नेगटुँ ।

एकरोज मेहनठ्के फल पैना अस्रम्
हिम्मत कस्के हरडम् ठारके नेगटुँ ।

महि जलम् डेहुइया थारुनके लाग,
सारा बाढा अरचन् सारके नेगटुँ ।

-संगम चौधरी

ढोटि ओ भेगुवा फारके

संगम चौधरी