गजल

सलिन चौधरी

प्रदेशसे घरे कब जैना हो दिन गन्टि रठुँ

३० जेष्ठ २०७८, आईतवार
सन्जिव चौधरी

यि साल प्रदेशसे मै घर जाइ नाइ पैनु डाइ

२८ जेष्ठ २०७८, शुक्रबार
लाहुराम चौधरी

छोटमे खोबसे अंग्री गन्नु संघरियन

२८ जेष्ठ २०७८, शुक्रबार
सुरज चौधरी

कबु डुठ्ठा खाके कबु भुख्ले रहक परट पर्देश म

२८ जेष्ठ २०७८, शुक्रबार
सुबास कुमार चौधरी

खाडीमे हुइठ रुप्या पैसाके खेटी कसिके

२७ जेष्ठ २०७८, बिहीबार
तिलक डंगौरा

एक एक रुपियाँ बचाइक लग भुख मारेक परठ

२७ जेष्ठ २०७८, बिहीबार
तनुजा कुस्मी

मेरमेरिक सपना इ मनमे सजाइटुँ डाइ

२७ जेष्ठ २०७८, बिहीबार
सन्देश दहित

हम्र पर्डेसी घरहँ याड कर्टी बिटठ् डिन

२६ जेष्ठ २०७८, बुधबार
अंकर अन्जान सहयात्री

कहल जस्ते मजा काम नाइ मिलठ परडेसमें

२५ जेष्ठ २०७८, मंगलवार
दुर्गा चौधरी

प्रदेशी जीवन डुखक् डग्रिम हार्के जाइटुँ डाइ

२५ जेष्ठ २०७८, मंगलवार